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कहां से आ रहा है प्रशांत किशोर के पास पैसा, खुद उन्हीं से जान लीजिए

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

पटना , बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (19:00 IST)
Prashant Kishor News : जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की फंडिंग को लेकर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए बुधवार को कहा कि उनके पास पैसा उनकी बुद्धि के कारण आता है। किशोर ने सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, पैसा मेरी बुद्धि और मां सरस्वती की कृपा से आ रहा है, मैं ठेकेदार, सांसद और विधायक तो कभी नहीं रहा। और हम सब जानते हैं कि जिस पर सरस्वती जी की कृपा होती है उसके पास लक्ष्मी जी अवश्य आती हैं। उल्लेखनीय है कि एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए नरेन्द्र मोदी के प्रचार अभियान का भी प्रबंधन किया था, जो एक शानदार सफलता थी।
 
पूर्व चुनावी रणनीतिकार ने पटना में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा भारतीय जनता पार्टी पर भी कटाक्ष किया और आरोप लगाया कि सारा धन गुजरात जा रहा है। किशोर ने जद(यू) प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार द्वारा उनकी पार्टी पर लगाए गए आरोपों की ओर इशारा करते हुए कहा, लोग पूछ रहे हैं कि प्रशांत किशोर इतना पैसा कहां से ला रहे हैं?
नीरज कुमार ने हाल ही में आरोप लगाया था कि जन सुराज पार्टी को बेंगलुरु स्थित एक धर्मार्थ संगठन द्वारा वित्त पोषित किया गया है। जद(यू) नेता ने यह भी दावा किया है कि किशोर ने उक्त संगठन को 50 लाख रुपए का दान भी दिया था और साथ ही आरोप लगाया था कि यह कर धोखाधड़ी का मामला प्रतीत होता है।
 
चुनावी रणनीतिकार के रूप में विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के नेताओं के लिए काम कर चुके किशोर ने कहा, मैंने कभी ठेकेदारी नहीं की, न कभी विधायक, सांसद बना। न ही मैं किसी सरकारी पद पर रहा और न ही मैं आईएएस या आईपीएस रहा। मेरे पास जो कुछ भी है वह मेरी बुद्धि और मां सरस्वती की कृपा से है और हम सब जानते हैं कि जिस पर सरस्वती जी की कृपा होती है उसके पास लक्ष्मी जी अवश्य आती हैं।
किशोर (47) ने जनसुराज पार्टी के उन उम्मीदवारों का चुनावी खर्च वहन करने की कसम खाई है जिनके पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। किशोर ने तीखे लहजे में कहा, क्या सारा पैसा गुजरात के युवाओं के पास ही होगा? भले ही सत्ता बिहार के युवाओं के वोट से हासिल हुई हो? अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिहार के युवा हमेशा सस्ते श्रम का स्रोत नहीं रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में किशोर का सफर 2012 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विधानसभा चुनाव अभियान का प्रबंधन किया था। किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए मोदी के प्रचार अभियान का भी प्रबंधन किया था, जो एक शानदार सफलता थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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