Pravasi Bharatiya Divas 2021: 28 साल में 346 फीसदी बढ़ी देश के बाहर रहने वाले भारतीयों की संख्या

Webdunia
पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुए इस कार्यक्रम में सूरीनाम के राष्ट्रपति कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस बार Pravasi Bharatiya Divas 2021 की थीम है 'आत्मनिर्भर भारत में योगदान'।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया के कोने-कोने से हमें भले इंटरनेट से जोड़ा गया है लेकिन हम सबका मन हमेशा से मां भारतीय से जुड़ा है, एक दूसरे के प्रति अपनत्व से जुड़ा है। दुनियाभर से हजारों साथियों ने भारत को जानिए क्विज कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया है। ये संख्या बताती है कि जड़ से भले दूर हो जाएं, लेकिन नई पीढ़ी का जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है।

दुनिया भर में बसे प्रवासियों से नाता जोड़ने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। 9 जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे, इसीलिए प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को मनाया जाता है।

प्रवासी भारतीय देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ ही विदेशों में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक भी हैं। विश्व बैंक ने 'माइग्रेशन एंड रेमिटेंस' नाम की एक रिपोर्ट के मुताबिक अपने देश में विदेशी मुद्रा भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी सबसे आगे हैं। रिपोर्ट बताती है कि प्रवासी भारतीयों ने साल 2018 में 80 अरब डॉलर (57 हजार करोड़ रुपए) भारत भेजे।

देश के बाहर रहने वाले भारतीयों की संख्या पिछले 28 साल में 346 फीसदी बढ़ी है। 1990 में विदेश में रहने वाले भारतीयों की संख्या 90 लाख थी। यह अब बढ़कर 3.12 करोड़ तक पहुंच गई है। वहीं इस दौरान प्रति व्यक्ति आय 522 फीसदी बढ़ी है। इसका आंकड़ा 1,134 डॉलर से बढ़कर 7,055 डॉलर तक पहुंच गया है।

आमदनी बढ़ने का असर यह हुआ है कि जिन्हें देश में मनमाफिक नौकरी नहीं मिल पाती है वे विदेश का रुख करने लगे हैं। यह जानकारी इंडियास्पेंड द्वारा यूएन के आर्थिक विभाग के आंकड़ों के विश्लेषण से सामने आई है। 
वहीं एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 6 साल में विदेश में रहने वाले अकुशल (अनस्किल्ड) भारतीयों की संख्या 39 फीसदी की कमी आई है। 2011 में इनकी संख्या 6.37 लाख थी। यह 2017 में घटकर 3.91 लाख रह गई। यह आंकड़े उन अनस्किल्ड भारतीयों के हैं जो इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड पासपोर्ट पर मध्य-पूर्व या दक्षिण एशिया में नौकरी के लिए देश छोड़कर गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बांग्लादेश में कई हिंदू मंदिरों पर हुआ हमला, भारत ने जताई चिंता, सरकार से की यह मांग

क्या महाराष्ट्र में सरप्राइज देगी BJP, एकनाथ शिंदे डिप्टी CM बनने को तैयार

अडाणी की 11 कंपनियों में से 5 के शेयरों में तूफानी तेजी, 8 दिन में बदल गए हालात, 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी

हेमंत सोरेन ने झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, INDIA की 10 पार्टियों के नेता मौजूद रहे

Honda Activa e की इंट्री, Ola, Ather, TVS और Bajaj की उड़ी नींद, फीचर्स से मचा देगी धमाल

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: प्रशांत विहार में धमाके के बाद रोहिणी के स्कूल को बम की धमकी

संभल मस्जिद सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम निर्देश, निचली अदालत न ले कोई एक्शन

जयराम रमेश ने बताया, पीएम मोदी की पकौड़ा नॉमिक्स में जनता के लिए क्या है?

क्या सुनियोजित साजिश थी संभल हिंसा, 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग करेगा जांच

महाराष्ट्र में कब होगा नई सरकार का गठन, मुख्यमंत्री चेहरे और मंत्रिमंडल के फॉर्मूले पर फंस गया पेंच?

अगला लेख