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NRI सम्मेलन से मध्यप्रदेश और इंदौर का चेहरा बदलने की तैयारी

इंदौर को मिलेगी वैश्विक पहचान, स्वच्छ शहर अब बनेगा ग्रीन सिटी, ट्रैफिक भी होगा दुरुस्त

हमें फॉलो करें Siddharth Rajhans
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वृजेन्द्रसिंह झाला

इंदौर में हो रहे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर पूरे प्रदेश की निगाहें शहर पर टिकी हुई हैं। इस सम्मेलन के जरिए न सिर्फ इंदौर बल्कि मध्यप्रदेश की भी ब्रांडिंग होगी। इसी सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र में पॉलिसी अधिकारी सिद्धार्थ राजहंस को भी अहम जिम्मेदारी मिली है। राजहंस ने प्रवासी सम्मेलन को लेकर कई मुद्दों पर वेबदुनिया से खास चर्चा की।
 
राजहंस ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि चूंकि इस आयोजन से प्रवासियों के साथ ही इंदौर नगर निगम भी सीधे तौर पर जुड़ रहा है, इसलिए ट्रिपल पी (पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप मॉडल से इंदौर को बहुत फायदा मिलने वाला है। प्रवासी सम्मेलन के माध्यम से इंदौर को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी। हालांकि स्वच्छता 6 बार नंबर एक बन चुके इंदौर और मध्यप्रदेश के बारे में लोग अब बाहर भी पूछने लगे हैं। हम भी यूएन के माध्यम से इस आयोजन से जुड़ रहे हैं। 
 
जारी होंगे ग्रीन बॉन्ड : उन्होंने कहा कि इसके तहत जलूद वाटर पंप को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा, जिससे करोड़ों के बिजली बिल से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए इंदौर नगर निगम ग्रीन बॉन्ड जारी करने जा रहा है। ऐसा करने वाला इंदौर देश का पहला नगर निगम होगा, जो कि स्टॉक एक्सचेंज में पब्लिक हो रहा है। यह बॉन्ड आईपीओ के द्वारा लिस्टेड होगा। इस बॉन्ड को खरीदने वालों को सालान डिविडेंड के साथ ही पांच साल बाद अच्छा रिटर्न मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 जनवरी को इसका शुभारंभ करेंगे। 
 
पर्यटन और कुटीर उद्योगों पर जोर : प्रवासी सम्मेलन के विषयों पर चर्चा करते हुए राजहंस बताते हैं कि इस बार पर्यटन के साथ ही कुटीर उद्योगों पर भी जोर दिया जाएगा। प्रवासियों को मांडू, महेश्वर, खजुराहो आदि पर्यटन स्थलों पर ले जाया जाएगा। इससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ेगी। मोदी जी भी देश-विदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते रहे हैं। प्रवासी सम्मेलन से इस उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। 
राज्य में कई कुटीर उद्योग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। हैंडलूम, खाने से जुड़ी फैक्ट्रियां और बहुत से छोटे ब्रांड हैं, जो महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। प्रवासियों को उन तक पहुंचाया जाएगा ताकि उनके ब्रांड और प्रोडक्ट को ग्लोबल टच दिया जा सके। प्रवासी भी हमारे देश की जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। यह मोदी जी की लोकल फॉर वोकल की सोच पर ही आधारित है। प्रवासी वोकल होंगे तो दुनिया को कुटीर उद्योगों के बारे में पता चलेगा और इन क्षेत्रों में निवेश के अवसर खुलेंगे। वर्तमान समय में इस तरह उद्यमियों को छोटे-छोटे लोन के लिए संघर्ष करना पड़ता है। 
 
शहर के ट्रैफिक में सुधार : राजहंस कहते हैं कि शहर की सबसे बड़ी समस्या अव्यवस्थित ट्रैफिक है। इसे भी तकनीक के माध्यम सुधारा जाएगा। शहर के ट्रैफिक को सुधारने के लिए एआई का इस्तेमाल जाएगा। इसके लिए पुलिसकर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पुलिसकर्मियों का बोझ भी कम होगा। चीजें और आसान हो जाएंगी। 
 
भविष्य में स्कूलों के डिजिटलाइजेशन की भी योजना है। इससे न सिर्फ स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी बल्कि तकतीक के माध्यम से उन्हें सीखने में आसानी भी होगी। आज सबसे बड़ी समस्या यह है कि शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते, कई बार वे स्कूल जाते ही नहीं हैं, ऐसी स्थिति में शिक्षा की स्थिति कैसी होगी, हम सहज अनुमान लगा सकते हैं। 
 
8 से 10 जनवरी तक होगा आयोजन : उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के इंदौर में 17वां प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का आयोजन 8-10 जनवरी तक किया जाएगा। इसमें गुयाना के राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद इरफान अली मुख्य अतिथि होंगे, जबकि सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशिष्ट सम्मानित अतिथि होंगे।  9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समारोह का उद्घाटन करेंगे।
 
समारोह में करीब 70 देशों से 3500 लोगों ने पंजीकरण कराया है। इसमें मारिशस , मलेशिया और पनामा से मंत्रिस्तरीय शिष्टमंडल शामिल होगा जबकि संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, कतर, ओमान, मारिशस से बड़ा शिष्टमंडल हिस्सा लेगा। इस सम्मेलन के पूर्ण सत्र में पांच सत्र होंगे जिनमें विषयों में युवा, स्वास्थ्य सेवा, साफ्ट पावर, भारतीय कार्यबल, महिला शामिल होंगे। इनमें से 4 सत्रों की अध्यक्षता कैबिनेट स्तर के मंत्री करेंगे।

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