नई दिल्ली। Rifleman Aurangzab : 4 जून 2018 को ईद मनाने के लिए कश्मीर के पुलवामा से अपने घर सलानी मेंढर आ रहे सेना की 44 आरआर के जांबाज सिपाही औरंगजेब को आतंकियों ने अगवा करने के बाद उन्हें बलिदान कर दिया था। इसके बाद सेना ने शौर्य चक्र देने की घोषणा की थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने थलसेना और अर्द्धसैनिक तथा पुलिस बलों के कर्मियों को मंगलवार को 8 कीर्ति चक्र (Kirti Chakras) प्रदान किए।
इनमें से 5 कर्मियों को यह पदक मरणोपरांत प्रदान किया गया है। यह शांतिकाल के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च वीरता पदक है।
आतंकियों के सफाए में बड़ी भूमिका : औरंगजेब कश्मीर घाटी में आतंकियों के सफाए के लिए चलाए गए अभियान में काफी अहम भूमिका निभा रहे थे। यहीं बात आतंकियों को रास नहीं आई और 14 जून 2018 को यह अपने शिविर से ईद मनाने के लिए निकले, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही आतंकियों ने अपहरण कर लिया और उसके बाद इसे बलिदान कर दिया।