नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि सरकार ने ‘सबसे पहले राष्ट्र’ की भावना के साथ ‘स्वच्छ भारत’ और स्वेच्छा से रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ने जैसे कई अभियानों की शुरुआत की जिन्हें लोगों ने अपनी भागीदारी से जनांदोलन में तब्दील कर दिया। उन्होंने कहा- युवा गांधीजी के अहिंसा के मंत्र को याद रखें।
कोविंद ने 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि जन-कल्याण के लिए सरकार ने कई अभियान चलाए हैं। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नागरिकों ने स्वेच्छा से उन अभियानों को लोकप्रिय जन-आंदोलनों का रूप दिया है।
जनता की भागीदारी के कारण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल की है। भागीदारी की यही भावना अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों में भी दिखाई देती है- चाहे रसोई गैस की सब्सिडी छोड़नी हो या फिर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना।
सरकार की अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। लक्ष्य को पूरा करते हुए 8 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। इससे जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है। ‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना’ अर्थात ‘सौभाग्य योजना’ से लोगों के जीवन में नई रोशनी आई है।
किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं। इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्रत्येक नीति के पीछे जरूरतमंद लोगों के कल्याण के साथ-साथ यह भावना भी होती है कि 'सबसे पहले राष्ट्र हमारा।' वस्तु एवं सेवा कर के लागू हो जाने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ ‘ई-नाम’ योजना द्वारा भी 'एक राष्ट्र के लिए एक बाजार' बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष बल दिया है। ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ तथा ‘आयुष्मान भारत’ जैसे कार्यक्रमों से गरीबों तक प्रभावी सहायता पहुंचाई जा रही है।
‘आयुष्मान भारत’ योजना दुनिया की सबसे बड़ी जन-स्वास्थ्य योजना बन गई है। जन-साधारण के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। ‘जन-औषधि योजना’ के जरिए किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनरिक दवाइयां उपलब्ध होने से सामान्य परिवारों के इलाज पर होने वाले खर्च में कमी आई है।
याद रखें अहिंसा का मंत्र : कोविंद ने लोकतंत्र के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों को महत्त्वपूर्ण बताते हुए लोगों- विशेषकर युवाओं को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखने की सलाह दी।
किसी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं, को महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिए जो मानवता को उनका अमूल्य उपहार है। कोई भी कार्य उचित है या अनुचित यह तय करने के लिए गांधीजी की मानव कल्याण की कसौटी लोकतंत्र पर भी लागू होती है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए गांधीजी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेश पर चिंतन-मनन करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान ने नागरिकों को कुछ अधिकार प्रदान किए हैं, लेकिन इसके तहत हम सबने यह जिम्मेदारी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे के मूल लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्र के निरंतर विकास और भाईचारे के लिए यही सबसे उत्तम मार्ग है।