नीतीश कुमार अपने रुख पर कायम, पूछा- बिहार की बेटी को हारने के लिए चुना?

Webdunia
शनिवार, 24 जून 2017 (06:39 IST)
पटना/भुवनेश्वर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को दिए गए अपने समर्थन पर कायम हैं। नीतीश ने शुक्रवार को कहा कि 'बिहार की बेटी' मीरा कुमार के प्रति उनके मन में सम्मान है। नीतीश ने कहा कि उन्होंने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया है।
 
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को एक बार फिर नीतीश को मनाने की कोशिश की लेकिन नीतीश अपने रुख पर कायम रहे। हालांकि, उन्होंने पूछा कि 'क्या बिहार की बेटी को हारने के लिए चुना गया है?' मीरा कुमार को विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाने की घोषणा गुरुवार को की गयी थी। 
 
भाकपा ने भी नीतीश कुमार और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक से कोविंद का समर्थन करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा, लेकिन नीतीश अपने रुख पर कायम हैं और उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को टकराव का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
 
नीतीश ने शुक्रवार शाम लालू के आवास पर एक इफ्तार पार्टी में भाग लिया जहां लालू के पुत्र और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गर्मजोशी से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इफ्तार पार्टी में भाग लेने के बाद नीतीश ने कहा, 'यह राष्ट्रपति का चुनाव है। यह टकराव का मुद्दा नहीं बनना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'नतीजों को लेकर कोई शंका नहीं है। हमारे मन में 'बिहार की बेटी' (मीरा कुमार) के प्रति बहुत सम्मान है लेकिन सवाल यह है कि क्या बिहार की बेटी को हारने के लिए चुना गया है?'
 
नीतीश ने कहा, 'हमने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद यह फैसला किया और जहां तक जदयू की बात है तो उसने हमेशा स्वतंत्र फैसले लिए हैं यहां तक कि जब राजग में थे, तब भी। हमने उस समय संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था।' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की कुर्सी राजनीतिक लड़ाई के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, 'अगर आम-सहमति बन जाती तो अच्छी बात थी लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसे वाद-विवाद का विषय बनाना चाहिए।'
 
उन्होंने कहा, 'मैंने रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी और फिर सोनियाजी और सीताराम येचुरीजी से बात की और उन्हें अपनी इन भावनाओं से अवगत कराया कि रामनाथ कोविंदजी ने बिहार के राज्यपाल के रूप में प्रशंसनीय काम किया है। उन्होंने बिहार में बिना किसी पक्षपात के काम किया है।'
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