नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर से शुरू होने वाले 'सतर्कता जागरूकता सप्ताह' पर अपने संदेश में यह भी कहा कि भ्रष्टाचार न केवल आम नागरिक को अधिकारों से वंचित करता है, बल्कि देश की प्रगति को बाधित करने के अलावा उसकी सामूहिक शक्ति को भी क्षीण करता है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग छह नवंबर तक जागरूकता सप्ताह मना रहा है और इसकी थीम एक विकसित राष्ट्र के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत है। प्रधानमंत्री ने संस्कृत में एक कहावत का हवाला देते हुए कहा कि जिन परिस्थितियों से भ्रष्टाचार पनपता है, उन पर हमला करना जरूरी है।
मोदी ने अपने संदेश में कहा कि इन आठ वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाकर देश आगे बढ़ रहा है, जहां यह संदेश स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह देश में विश्वास का माहौल बना है, जिसमें आज हर ईमानदार व्यक्ति अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी प्रक्रिया और पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक और सुधारों के माध्यम से व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है ताकि न केवल आज बल्कि भविष्य में भी किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे और नागरिकों के हितों की रक्षा हो सके। मोदी ने कहा कि देश की आजादी के अगले 25 वर्षों की यात्रा में एक भव्य और विकसित भारत का निर्माण करना सभी का कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रयासों में तेजी लाने का अवसर है।प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह जीवन में ईमानदारी, अखंडता और पारदर्शिता को बढ़ावा देकर राष्ट्र निर्माण के हमारे संकल्प को मजबूत करेगा।
जागरूकता सप्ताह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी अपना संदेश साझा किया है। मुर्मू ने कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई इस महान राष्ट्र के सभी नागरिकों का सामूहिक कर्तव्य और जिम्मेदारी है। पारदर्शिता और अखंडता के आदर्श हमारी परंपरा और संस्कृति का अभिन्न अंग हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, हमें ईमानदारी और जवाबदेही के आदर्शों को दोहराने की जरूरत है तथा उन मूल्यों को अपनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए, जिन्होंने हमारा अब तक की यात्रा में मार्गदर्शन किया है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि लोक प्रशासन के कुशल संचालन के लिए पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही आवश्यक मूल्य हैं। उन्होंने कहा कि शासन में निष्ठा सुनिश्चित करने के प्रयासों में एक साथ आना देश के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है।
धनखड़ ने कहा, इस वर्ष, केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी निवारक सतर्कता उपायों पर तीन महीने का अभियान चलाया है। मुझे आशा है कि सभी नागरिक और हितधारक सामूहिक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में बड़ी संख्या में भाग लेंगे।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour