लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) परीक्षाओं को घूसखोरी की भेंट चढ़ा दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की भाजपा सरकार कमीशनखोरों का हित देखने में मस्त है।
प्रियंका ने शुक्रवार को किए गए 'ट्वीट' में कहा, यूपीपीएससी का पेपर छापने का ठेका एक डिफॉल्टर को दिया गया। आयोग के कुछ अधिकारियों ने डिफॉल्टर के साथ सांठगांठ करके पूरी परीक्षा को कमीशन-घूसखोरी की भेंट चढ़ा दिया।
उन्होंने आरोप लगाया, सरकार की नाक के नीचे युवाओं को ठगा जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार डिफॉल्टरों और कमीशनखोरी का हित देखने में मस्त है। प्रियंका ने ट्वीट के साथ कुछ खबरों की कटिंग भी टैग की है, जिनमें यूपीपीएससी की एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10768 पदों के लिए पिछले साल 29 जुलाई को हुई परीक्षा का पर्चा एक दिन पहले ही लीक होने के मामले में प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार के यहां गुरुवार को मारे गए छापे और गिरफ्तारी का जिक्र है।
एसटीएफ की जांच में अंजूलता की नकल माफिया के साथ सांठगांठ का खुलासा हुआ है। इस परीक्षा का प्रश्न पत्र कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमारकर के प्रेस में होनी थी, जिसे पर्चा लीक करने के आरोप में पहले ही डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका था। कौशिक के यहां से यूपीपीएससी की होने वाली मुख्य परीक्षा का प्रश्न पत्र भी बरामद हुआ था।
इस खुलासे के बाद आयोग ने पीसीएस, एसीएफ और आरएफओ मुख्य परीक्षाओं समेत कुल 10 परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
इस बीच, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि जहां तक प्रियंका के ट्वीट का सवाल है तो यूपीपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति कांग्रेस की ही सहयोगी रही समाजवादी पार्टी की सरकार में हुई थी। सरकार ने परीक्षा में कमीशनखोरी के आरोपों को गंभीरता से लिया है। इसमें जिनकी भी संलिप्तता पाई जाएगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।