क्या बदलेगी जम्मू कश्मीर की राजनीति? पंडितों, SC-ST को मिलेगा चुनाव में आरक्षण

Webdunia
गुरुवार, 5 मई 2022 (17:40 IST)
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। आयोग ने अपना कार्यकाल खत्म होने के एक दिन पहले सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में अब लोकसभा की 5 और विधानसभा की 90 सीटें होंगी। इससे जम्मू-कश्मीर में आने वाले समय में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 
 
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) रंजना देसाई के नेतृत्व वाले आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 24 सीटें हैं, जो हमेशा रिक्त रहती हैं। इसके साथ ही पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटों का प्रस्ताव किया गया है।
 
जम्मू में बढ़ी 6 सीटें : आयोग ने जम्मू के लिए 6 और कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त सीट का भी प्रस्ताव रखा है। अभी तक कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू संभाग में 37 सीटें हैं। नए परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में 90 सीटें रखने का प्रस्ताव दिया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त, परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य हैं।
 
परिसीमन ‍आयोग की रिपोर्ट के बाद माना जा रहा है कि वर्ष के अंत में गुजरात और हिमाचल के साथ जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। 
 
‍उम्मीदवारों को मिलेगा आरक्षण : रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें होंगी, जबकि विधानसभा की 90 (कश्मीर : 47, जम्मू : 43) सीटें होंगी। इसके अलावा अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था रखी गई है। अनुसूचित जाति के लिए 7, जबकि जनजाति के लिए 8 सीटें आरक्षित रहेंगी। 2 सीटों पर कश्मीरी पंडितों को आरक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। आयोग की रिपोर्ट में कश्मीरी प्रवासियों का भी उल्लेख किया गया है। नए परिसीमन के मुताबिक हर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 18 सीटें होंगी।
 
2011 की जनगणना पर आधारित है परिसीमन : उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में 1995 में अंतिम बार परिसीमन हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर में 12 जिले और 58 तहसीलें हुआ करती थीं, जबकि वर्तमान में 20 जिले और 270 तहसीलें हैं। 1995 का परिसीमन 1981 की जनगणना पर आधारित था, जबकि इस बार परिसीमन के लिए  2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

क्या आपकी देशभक्ति पैसों के लिए छुट्टी पर है, पहलगाम आतंकी हमले को कैसे भूल गए क्रिकेटर, देशभक्ति दिखाना सिर्फ सेना का काम, सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा

धर्मांतरण गैंग की शिकार मेरठ की आशा नेगी की कहानी, पढ़िए छांगुर बाबा के राइटहैंड बदर सिद्दीकी ने कैसे फंसाया जाल में

मॉनसून सत्र से पहले डोनाल्ड ट्रंप बढ़ा रहे मोदी सरकार की मुश्किल, मोदीजी, 5 जहाजों का सच क्या है? देश को जानने का हक है

बिग बैंग के कुछ ही क्षणों बाद ब्रह्मांड ने खुद को नष्ट क्यों नहीं कर लिया, सर्न की खोज में सामने आया जवाब

कहीं आपको भी तो नहीं ट्रंप की यह बीमारी, दिल तक खून पहुंचने में दिक्कत, जानिए क्या है लक्षण और इलाज

सभी देखें

नवीनतम

IPO बाजार के लिए कैसे रहे 2025 के पहले 6 माह, 24 कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़

किराना हिल्स पर भारत ने किया था हमला, पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों के पास मची थी तबाही, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

कैसी है ओडिशा में आग से झुलसी पीड़िता की हालत, अब दिल्ली में होगा इलाज

मिर्जापुर में CRPF जवान से मारपीट, 3 कांवड़िये गिरफ्तार

Sunday Read: सत्ता, सेक्स और साजिश – डोनाल्ड ट्रम्प और कुख्यात यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन की दोस्ती का काला अध्याय

अगला लेख