नई दिल्ली। पाकिस्तान में बालाकोट के जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकाने पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में हताहतों की संख्या को लेकर सोमवार को सियासत गर्मा गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम समेत कई कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर सवाल खड़े करते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार से जवाब मांगा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने कहा कि भारतीय वायुसेना के वाइस एयर मार्शल ने हताहतों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कोई नागरिक या सैनिक हताहत नहीं हुआ तो हताहतों की संख्या 300-350 किसने बताई?
चिदंबरम ने कहा कि एक गौरवशाली नागरिक के तौर पर मैं अपनी सरकार पर भरोसा करने के लिए तैयार हूं, लेकिन अगर हम ये चाहते हैं कि दुनिया को भी भरोसा हो तो सरकार को विपक्ष को कोसने की बजाय इसके लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायुसेना को उनकी शानदार उपलब्धि के लिए सलाम करने वाले सबसे पहले व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी थे। मोदीजी ये क्यों भूल गए?
कांग्रेस के ही एक अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए कई विदेशी अखबारों और एजेंसियों की खबरों का उल्लेख किया है जिनमें कहा गया है कि बालाकोट में आतंकवादियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।
सिब्बल ने सरकार पर आतंकवाद के राजनीतिकरण का दोषी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री से यह पूछना चाहता हूं कि क्या इंटरनेशनल मीडिया पाकिस्तान का समर्थन कर रही है? जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया पाकिस्तान के खिलाफ बोलती है, तो आप खुश होते हैं। क्या उनका सवाल पूछना पाकिस्तान के समर्थन के कारण है?
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से टेलीफोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें बताया गया है कि इस कार्रवाई में 200 से 250 आतंकवादी मारे गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने भी रविवार को गुजरात में कहा कि इस कार्रवाई में 250 आतंकवादी मारे गए हैं।
पंजाब सरकार में मंत्री और अपने बयानों को लेकर लगातार विवादों में बने रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट कर सवाल किया है- '300 आतंकवादी मरे, हां या नहीं? सिद्धू ने कहा कि तब आपका मकसद क्या था?क्या आप आतंकवादियों को खत्म कर रहे थे अथवा पेड़ उखाड़ रहे थे? क्या चुनावों को देखते हुए यह एक नाटक तो नहीं था? सेना का राजनीतिकरण बंद करें। यह वैसी ही पवित्र है, जैसे राष्ट्र। ऊंची दुकान फीका पकवान।'
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी बालाकोट आतंकवादी शिविर पर हुई हवाई कार्रवाई के सबूत मांग चुके हैं।
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा है कि हमारा काम लक्ष्य भेदना है और मारे जाने वालों की गिनती करना नहीं है। (वार्ता)