नई दिल्ली। राजेंद्र नगर विधायक राघव चड्ढा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसजेंडरों की मदद और सहायता के लिए पहल 'मिशन सहारा' की शुरुआत की है। मिशन सहारा की सोमवार को शुरुआत हुई। राघव चड्ढा को गैरलाभकारी संगठन, कम्यूनिटी एंपावरमेंट ट्रस्ट के साथ क्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट ने ट्रांसजेंडरों की मदद करने के लिए संपर्क किया।
राघव चड्ढा ने ट्रांसजेंडरों की पहचान करने और राशन किट के लिए वालंटियर्स की विभिन्न टीमों को तैनात किया। इनके जरिए करीब 100 ट्रांसजेंडरों की पहचान की गई, जो पहले से मौजूद दिल्ली सरकार की मुफ्त राशन वितरण योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। इसके अलावा टीमें सरकार की राशन वितरण योजना के दायरे में इस समुदाय को लाने के लिए केवाईसी और अन्य दस्तावेजों के बनवाने में मदद करेंगी, क्योंकि इस समुदाय का काम ठप हो गया है, ऐसे में राशन वितरण के दायरे में आना बहुत जरूरी है।
राजेंद्र नगर विधायक की अनूठी पहल मिशन सहारा : राजेंद्र नगर विधायक की मिशन सहारा नई पहल है। विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र में कई विकास कार्यों को शुरू किया है। पूरे देश को अस्त-व्यस्त कर देने वाली कोविड-19 महामारी में भी राघव चड्ढा ने राजेंद्र नगर में कोई काम रुकने नहीं होने दिया।
राजेंद्र नगर विधायक के रूप में राघव चड्ढा ने अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए इस साल की शुरुआत में स्कूलों में राशन किट बांटने से लेकर कड़ाके की ठंड में कंबल मुहैया कराने सहित हर काम में सबसे आगे रहे हैं। राघव चड्ढा ने कहा कि हमारा उद्देश्य मिशन सहारा के माध्यम से उन लोगों तक मदद पहुंचाना है, जिन्हें मदद की बहुत ज्यादा जरूरत है। कई लोगों के लिए हर दिन-हर रात बड़ी मुश्किल है, उनके इन मुश्किल हालात को कम करने के लिए मुफ्त राशन उपलब्ध कराना एक सा छोटा कदम है।
उन्होंने आगे कहा कि जीवन का अधिकार हमारे संविधान में निहित है। भोजन की उपलब्धता जीवन के इसी अधिकार का एक हिस्सा है। राजेंद्र नगर के निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा, ताकि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को परेशान न होना पड़े। राघव चड्ढा ने कहा कि 'मिशन सहारा' के जरिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश है कि महामारी के दौरान लोगों को मुश्किल हालात का सामना न करना पड़े। यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि राजेंद्र नगर में कोई भी भूखा न सोए। हम राजेंद्र नगर में 'मिशन सहारा' को तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि महामारी से बिगड़े हालात में सुधार नहीं हो जाता है।