कांग्रेस के 'तारणहार' नहीं 'कारण-हार' हैं राहुल गांधी

Webdunia
शनिवार, 11 मार्च 2017 (16:55 IST)
राजनीतिक गलियारों में सवाल तैर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम के बाद राहुल गांधी का भविष्य क्या होगा? क्या कांग्रेस में ही उनके नेतृत्व क्षमता को लेकर सवाल खड़े होंगे?
 
राहुल को किस्मत से समाजवादी पार्टी से गठबंधन के चलते अप्रत्याशित प्रचार मिला साथ ही, उन्हें कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बहुत बड़े तबके तक पहुंचने का मौका भी मिला है, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।
 
चुनावों के बाद कांग्रेस का यूपी और उत्तराखंड में हार ने सिद्ध कर दिया कि राहुल गांधी कांग्रेस के तारणहार सिद्ध नहीं हो सके। उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को जितनी भी सीटें मिलीं, वे समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के कारण मिल सकी हैं। गोवा में भी कांग्रेस कोई चमत्कार नहीं हो सका और यह भी माना जा रहा है कि अगर पंजाब में राहुल गांधी का ‍हस्तक्षेप होता तो शायद कांग्रेस को एक मात्र राज्य में भी जीत नसीब नहीं हो पाती।   
 
यह कहना गलत न होगा कि राहुल के सामने कांग्रेस का नेतृत्व संभालने का यह आख़िरी मौका था जिसे उन्होंने गंवा दिया। हालांकि कांग्रेसियों में इतनी हिम्मत नहीं वे यूपी और उत्तराखंड की करारी हार के लिए राहुल को जिम्मेदार ठहरा सकें। यूपी में कांग्रेस के प्रदर्शन ने यह दर्शा दिया है कि भले ही राहुल को पार्टी प्रमुख बना दिया जाए, वे कांग्रेस की दशा और दिशा को सुधार नहीं पाएंगे। नेतृत्व करने के मामले में वे पूरी तरह से जीरो साबित हुए हैं। 
कहा तो यह भी जा रहा है कि यदि राहुल गोवा और मणिपुर में चुनाव प्रचार करने जाते तो शायद वहां भी कांग्रेस का प्रदर्शन और बदतर होता। अब तो कांग्रेस में भी ऐसा समय आने वाला है जबकि नेहरू-गांधी परिवार के एकाधिकार के खत्म होने के बाद ही पार्टी के अच्छे दिन आ पाएंगे।
 
दूसरी ओर भाजपा का मुस्लिम बहुल इलाकों में जीतना साबित करता है कि पार्टी जनाधार तेजी से बढ़ रहा है। इसका उदाहरण है कि भाजपा को प्रदेश में सबसे पहली जीत विश्व के प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षा केन्द्र देवबंद में मिली। यहां से बृजेश सिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। बृजेश ने यहां सपा-कांग्रेस गठबंधन के माविया अली और बसपा के माजिद अली को हराया है। गौरतलब है कि एक इस्लामिक शिक्षा केन्द्र में भाजपा के मुकाबले पर दो मुस्लिम उम्मीदवार भी थे, जिन्हें मुस्लिमों के ‍कथित भाजपा विरोध के नाम पर वोट मिलना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख