नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिए अपने 10 उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने के बाद पार्टी के भीतर असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। अभिनेत्री और महिला कांग्रेस की महासचिव नगमा ने सोमवार को कहा कि उनसे उच्च सदन में भेजे जाने का वादा 18 साल पहले किया गया था, लेकिन यह आज तक पूरा नहीं हुआ। इसी तरह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी ट्वीट कर असंतोष जाहिर किया- शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई। दूसरी ओर, राजस्थान से तीनों ही बाहरी उम्मीदवारों को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद असंतोष बढ़ने लगा है। माना जा रहा है कि इस असंतोष का असर 2023 में राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।
नगमा ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष और शायर इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए 10 जून को होने वाले चुनाव के वास्ते रविवार को 10 उम्मीदवारों की घोषणा की। पी चिदंबरम को तमिलनाडु से, जयराम रमेश को कर्नाटक से, अजय माकन को हरियाणा से और रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है।
...और प्रियंका का रिट्वीट : पार्टी ने मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश से, राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने परोक्ष रूप से अपनी नाखुशी का इजहार किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई। खेड़ा के ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा- कांग्रेस पार्टी अपने एक-एक नेता और कार्यकर्ता को यकीन दिलाना चाहती है कि हम अपनी पार्टी के निष्ठावान नेता की न्याय की लड़ाई की आवाज को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।
हालांकि बाद में खेड़ा कुछ और भी ट्वीट किए। उन्होंने लिखा- हम पार्टी के प्रवक्ता हों या कांग्रेस की सरकार में क़ानून मंत्री हों, हमारी पहचान कांग्रेस से बनी है। यह हम में से किसी को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने आगे लिखा- मुझे पहचान कांग्रेस ने दी है। मैं अपनी इस बात से सहमत भी हूं और इस पर अडिग भी हूं।
खेड़ा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए नगमा ने कहा, हमारी भी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई इमरान (प्रतापगढ़ी) भाई के आगे। नगमा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी ने 2003-04 में मुझसे उस वक्त राज्यसभा भेजने का वादा किया था, जब मैं पार्टी में शामिल हुई थी। उस वक्त हम लोग सत्ता में नहीं थे। इसके बाद 18 साल हो गए और उन्हें मुझे राज्यसभा भेजने का मौका नहीं मिला, इमरान के लिए मौका मिल गया। मैं यह पूछना चाहती हूं कि क्या मैं कम हकदार हूं?