मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आवास तथा वाहन ऋण के पुराने ग्राहकों को राहत देते हुए अगले वित्त वर्ष से इसे सीमांत लागत ऋण दर (एमसीएलआर) से जोड़ने का फैसला किया है। इससे पुराने ऋणों के लिए भी ब्याज दर में कमी आने तथा ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ कम होने की उम्मीद है।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद विकास एवं नियामक नीतियों पर बुधवार को यहां जारी बयान में कहा गया है कि रिजर्व बैंक द्वारा बार-बार इस संबंध में चिंता जारी करने के बावजूद आधार मूल्य पर जारी किए गए ज्यादातर पुराने ऋणों को एमसीएलआर व्यवस्था में स्थानांतरित नहीं किया गया है।
इसके मद्देनजर 1 अप्रैल से आधार दर को भी एमसीएलआर से जोड़ने का फैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि एमसीएलआर की व्यवस्था 1 अप्रैल 2016 से शुरू की गई थी। इसके तहत आरबीआई नियमित रूप से एमसीएलआर की समीक्षा करता है। इस कारण पिछले कुछ समय में नीतिगत दरों में की गई कटौती का पूरा लाभ नए ऋण लेने वालों को मिला है, लेकिन पुराने ऋण लेने वालों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।
इसी वजह से आरबीआई ने 1 अप्रैल से आधार दर को भी एमसीएलआर से जोड़ने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है कि एमसीएलआर नीतिगत दरों के संकेतों के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। आधार दर को इससे जोड़ने के बारे में नए दिशा-निर्देश इस अगले सप्ताह जारी किए जाएंगे। (वार्ता)