मुंबई। रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपनी क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया। इसके तहत रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया गया है। सरकार के इस फैसले से कार लोन और होम लोन समेत सभी तरह के लोन महंगेे होने की आशंका है।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया। रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे वाणिज्यक बैंकों को 1 दिन के लिए धन उधार देता है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में हुई 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने समीक्षा बैठक के तीसरे दिन बुधवार को यह फैसला किया। इसके साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को भी तटस्थ बनाए रखा है।
समिति ने चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.2 प्रतिशत पर रखा है जबकि वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान इसके 4.8 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया है। मुद्रास्फीति के बारे में आरबीआई का ताजा अनुमान इसके 4 प्रतिशत के संतोषजनक माने जाने वाले स्तर से ऊपर है।
बहरहाल, रिजर्व बैंक ने जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.4 प्रतिशत पर पूर्ववत रखा है। इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में उसने जीडीपी वृद्धि 7.5 से 7.6 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान व्यक्त किया है। (भाषा)