पटना। जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने इस साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद भाजपा का साथ छोड़ने का मन बना लिया था।
हाल में जदयू छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि उन्हें अब भाजपा में शामिल होने से कोई परहेज नहीं है और दावा किया कि कुमार द्वारा अपने निर्णय को सही ठहराने के लिए एक बहाने के रूप में उनके (सिंह) नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
गोपालगंज जिले में एक तीर्थस्थल पर पूजा-अर्चना करने पहुंचे सिंह ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि आप कितनी बार अपने सहयोगियों को छोड़ेंगे। आपने 1994, फिर 2013, 2017 में और अब 2022 में अपने सहयोगियों छोड़ा।
विपक्षी दल द्वारा नीतीश कुमार को पल्टूराम कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, 'मैं इसमें राम के नाम को घसीटे जाने को उचित नहीं समझता। लेकिन, राजनीतिक ताने-बाने के कारण उनके साथ कई तरह के अपमानजनक लेबल जुड़ेंगे।'
सिंह ने दावा किया कि यह सरासर झूठ है कि मैंने केंद्रीय मंत्री बनने से पहले नीतीश कुमार की सहमति नहीं ली थी। अगर ऐसा होता, तो वह मुझे एक व्यक्ति एक पद के नियम का हवाला देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए नहीं कहते और जदयू के नेताओं ने मुझे मंत्रिमंडल में शामिल होने पर बधाई नहीं दी होती।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद मुझे लगा था कि कुमार ने फिर से पाला बदलने का मन बना लिया है। मैं इसका विरोध कर रहा था। इससे वह क्रोधित हो गए और इसलिए मुझ पर अब भाजपा की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया जा रहा है। सिंह ने यह भी दावा किया कि कुमार जदयू का लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ विलय करेंगे।