नई दिल्ली। भारत गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार राफेल लड़ाकू विमानों की उड़ान के साथ टी-90 टैंकों, समविजय इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, सुखोई-30 एमके आई लड़ाकू विमानों समेत अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियों, रक्षा मंत्रालय की 6 झांकियों अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और अर्द्धसैनिक बलों की 9 झांकियों समेत 32 झांकियों में देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आर्थिक उन्नति और सैन्य ताकत की आन बान शान नजर आएगी।
मंत्रालय ने कहा कि स्कूली छात्र लोकनृत्य पेश करेंगे। ओडिशा में कालाहांडी के मनमोहक लोक नृत्य बजासल, फिट इंडिया मूवमेंट और आत्मनिर्भर भारत के अभियान की बानगी भी पेश की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी भी मंगलवार को राजपथ पर कदमताल करेगी।
बयान में कहा गया कि बांग्लादेश की टुकड़ी, बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगी जिन्होंने लोगों पर दमन और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी और बांग्लादेश को 1971 में आजादी दिलाई। भारत 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है। इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि परेड के दौरान थलसेना अपने मुख्य जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय समेत अन्य का दमखम प्रदर्शित करेगी।
गणतंत्र दिवस परेड पर इस साल नौसेना अपने पोत आईएनएस विक्रांत और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी पेश करेगी। भारतीय वायुसेना हल्के लड़ाकू विमान तेजस और देश में विकसित टैंकरोधी निर्देश मिसाइल ध्रुवास्त्र पर प्रस्तुति पेश करेगी। राफेल समेत वायुसेना के 38 विमान और भारतीय थल सेना के चार विमान मंगलवार को उड़ान में हिस्सा लेंगे। परेड के समय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की इस बार दो झांकी होगी।
राष्ट्रीय समर स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के लिए बलिदान देने वाले नायकों को श्रद्धांजलि देने के साथ गणतंत्र दिवस परेड समारोह की शुरुआत होगी। मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के लिए बलिदान देने वाले नायकों पर पुष्प अर्पित करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्टगण राजपथ पर परेड का गवाह बनेंगे।
परंपरा के मुताबिक झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सलामी लेने के बाद परेड की शुरुआत होगी। इस बार 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में -गुजरात, असम, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और लद्दाख की झांकी पेश की जाएगी। (भाषा)