रिसर्च: एक ‘अच्‍छा मास्‍क’ दो लोगों के बीच रोक सकता है 96 प्रतिशत ‘संक्रमण’

नवीन रांगियाल
मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (13:03 IST)
कोरोना के कहर के बीच जो सबसे ज्‍यादा जरूरी है वो है मास्‍क। सभी देशों की सरकारें सबसे ज्‍यादा मास्‍क पहनने पर ही जोर दे रही है। यह एक छोटा सा मास्‍क इस संक्रमण से हमें बहुत हद तक बचा सकता है। यह बात अब एक रिसर्च से भी साबि‍त हो चुकी है।

कोरोना से जंग में सबसे प्रमुख हथियार मास्क है। वैक्सीन के आने के बाद भी हमें मास्क का साथ नहीं छोड़ना है। उचित तरीके से बनाया गया अनेक परतों वाला मास्क इसे पहनने वाले व्यक्ति से निकलने वाले 84 प्रतिशत कणों को रोक देता है। वहीं इस तरह का मास्क पहने दो लोग संक्रमण को फैलने से करीब 96 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है।

दरअसल, अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों समेत विशेषज्ञों ने कहा कि मास्क बनाने में इस्तेमाल सामग्री, इसकी कसावट और इसमें इस्तेमाल की गई परतें कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को प्रभावित कर सकती हैं।

एयरोसोल साइंस एंड टेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च में विभिन्न किस्म के पदार्थों से अत्यंत छोटे कणों के निकलने के प्रभाव के बारे में अध्ययन किया गया।

अध्ययनकर्ता नगा ली ने कहा कि एक अतिसूक्ष्म कण हवा में घंटों तक और दिनों तक रह सकता है। यह हवा के आने-जाने के मार्ग पर निर्भर करता है, इसलिए अगर किसी कमरे में हवा निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है तो ये छोटे कण बहुत लंबे समय तक रह सकते हैं।

वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में 33 विभिन्न व्यावसायिक रूप से उपलब्ध पदार्थों का परीक्षण किया, जिनमें सूती और पॉलिस्टर जैसे एक परत वाले बुने हुए कपड़े शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमें पता चला कि एक ही तरह के पदार्थ में से भी तत्वों के निकलने के विविध परिणाम सामने आए।

कैसे पहने मास्‍क? यह है दुनिया का हाल
भले ही वैक्सीन आने के बाद दुनिया के ज्यादातर देशों में टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है, लेकिन कोरोना का कहर अभी रुका नहीं है। लगातार बढ़ते मामलों के चलते बांग्लादेश ने शनिवार को लॉकडाउन की घोषणा की है। यूरोपीय देश भी कोरोना प्रसार को काबू में करने के लिए लॉकडाउन की ओर लौट रहे हैं।

ईस्टर के मौके पर भीड़ की स्थिति से बचने के लिए इटली ने तीन दिनों के सख्त राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है। वहीं बांग्लादेश पहला ऐसा एशियाई देश बन गया है, जिसने कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते देशभर में लॉकडाउन का फैसला लिया है। यहां सोमवार से सात दिन के लिए पूरे देश में लॉकडाउन रहेगा। वहीं बुधवार को फ्रांस ने भी चार हफ्ते के लॉकडाउन की घोषणा कर दी। राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों ने लॉकडाउन का आदेश देते हुए कहा कि स्कूलों को कम से कम तीन हफ्तों के लिए बंद किया जाना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख