रिजर्व बैंक ने बताया, नोटबंदी के बाद 1000 और 500 के बंद हुए कितने प्रतिशत नोट वापस लौटे

Reserve Bank
Webdunia
बुधवार, 29 अगस्त 2018 (15:56 IST)
नई दिल्ली। नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बंद किए गए 500 और 1,000 रुपए के नोटों का 99.3 प्रतिशत बैंकों के पास वापस आ गया है। रिजर्व बैंक की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 
 
इसका तात्पर्य है कि बंद नोटों का एक काफी छोटा हिस्सा ही प्रणाली में वापस नहीं आया। सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके पीछे मुख्य उद्देश्य कालाधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। 
 
रिजर्व बैंक को प्रतिबंधित नोटों की गिनती में काफी अधिक समय लगा है। सरकार ने नोटबंदी की घोषणा के बाद लोगों को पुराने नोटों को जमा कराने के लिए 50 दिन की सीमित अवधि उपलब्ध कराई थी। 
 
नोटबंदी के समय मूल्य के हिसाब से 500 और 1,000 रुपए के 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में थे। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकों के पास वापस आ चुके हैं। इसका मतलब है कि बंद नोटों में सिर्फ 10,720 करोड़ रुपए ही बैंकों के पास वापस नहीं आए हैं। 
 
केंद्रीय बैंक ने कहा कि निर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) की गिनती का जटिल कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। नोटबंदी के बाद लोगों को पुराने नोट जमा कराने का समय दिया गया था। कुछ ऐसे मामले जिनमें बहुत अधिक पुराने नोट जमा कराए गए, अब आयकर विभाग की जांच के घेरे में हैं। 
 
रिपोर्ट के अनुसार बैंकों के पास आए एसबीएन को जटिल द्रुत गति की करेंसी सत्यापन एवं प्रसंस्करण प्रणाली (सीवीपीएस) के जरिए सत्यापित किया गया और उसके बाद उनकी गिनती करने के बाद उन्हें नष्ट कर दिया गया। एसबीएन से तात्पर्य 500 और 1,000 रुपए के बंद नोटों से है। रिजर्व बैंक ने कहा कि एसबीएन की गिनती का काम पूरा हो गया है। कुल 15,310.73 अरब मूल्य के एसबीएन बैंकों के पास वापस आए हैं।
 
सरकार ने 500 रुपए के बंद नोट के स्थान पर नया नोट तो जारी किया है, लेकिन 1,000 रुपए के नोट के स्थान पर नया नोट जारी नहीं किया गया है। इसके स्थान पर 2,000 रुपए का नया नोट जारी किया गया है। 
 
नोटबंदी के बाद 2016-17 में रिजर्व बैंक ने 500 और 2,000 रुपए के नए नोट तथा अन्य मूल्य के नोटों की छपाई पर 7,965 करोड़ रुपए खर्च किए, जो इससे पिछले साल खर्च की गई 3,421 करोड़ रुपए की राशि के दोगुने से भी अधिक है। 2017-18 (जुलाई 2017 से जून 2018) के दौरान केंद्रीय बैंक ने नोटों की छपाई पर 4,912 करोड़ रुपए और खर्च किए। रिजर्व बैंक का कहना है कि एसबीएन में 500 और 1,000 के पकड़े गए जाली नोटों की संख्या क्रमश: 59.7 और 59.6 प्रतिशत कम हुई है। 
 
केंद्रीय बैंक ने कहा कि पिछले साल की तुलना में 100 रुपए के जाली नोट 35 प्रतिशत अधिक पकड़े गए जबकि 50 रुपए के जाली नोटों की संख्या में 154.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ। रिजर्व बैंक ने कहा कि 2017-18 में नए 500 रुपए के नोट की 9,892 जाली इकाइयां पकड़ी गईं, जबकि 2,000 रुपए के नोट की 17,929 जाली इकाइयां पकड़ी गईं। इससे पिछले साल यह आंकड़ा क्रमश: 199 और 638 था।

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