रीजीजू ने रिकॉर्ड 74 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कार देने के सरकार के फैसले का बचाव किया

Webdunia
शनिवार, 29 अगस्त 2020 (12:31 IST)
नई दिल्ली। खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को सरकार के इस साल 5 राजीव गांधी खेलरत्न सहित रिकॉर्ड 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित करने के फैसले का बचाव किया जिसकी कड़ी आलोचना हो रही है।
ALSO READ: खेल रत्न बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं : रोहित
खेल मंत्रालय की चयन समिति ने इस साल स्टार क्रिकेटर रोहित शर्मा और पहलवान विनेश फोगाट सहित 5 खिलाड़ियों को खेलरत्न जबकि 27 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना। मंत्रालय ने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए 13 और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए 15 कोचों का चयन किया।
ALSO READ: पहली बार वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रपति देंगे खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड
रीजीजू ने शनिवार को कहा कि हमारे खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन बेहतर हुआ है। जब हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें सराहा और पुरस्कृत किया जाना चाहिए। अगर सरकार उनकी उपलब्धियों को सम्मानित नहीं करती तो इससे भारत की उभरती हुई खेल प्रतिभाओं का उत्साह कम होगा।
 
उन्होंने कहा कि इसलिए पिछले वर्षों की तुलना में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा जिसके कारण पुरस्कार विजेताओं की संख्या भी बढ़ी। खेलमंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने खेल पुरस्कारों पर फैसला नहीं किया, क्योंकि विजेताओं का चयन उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वंतत्र समिति ने किया। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भाजपा के धाकड़ नेता सड़क पर कर रहे थे सेक्‍स, नेताजी की धाकड़ी हो गई वायरल, जीतू पटवारी ने बताया कुकर्म

हम भूखे मर जाएंगे, पाकिस्तानी सांसद बोले- भारत के 'वॉटर बम' का मसला सुलझाओ

UP : 43 साल बाद जेल से रिहा हुए 103 वर्षीय लखन, जानिए क्‍या है मामला...

CM योगी आदित्यनाथ गरजे, बहुत जी लिया पाकिस्तान, अब उसका टाइम पूरा हुआ

Rajasthan : भाजपा विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता निरस्त

सभी देखें

नवीनतम

कौन हैं अनुष्का यादव, जिनके साथ 12 साल से रिलेशन में लालू पुत्र तेज प्रताप

Weather Update : महाराष्ट्र में जल्द ही दस्तक देगा मानसून, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग में रेड अलर्ट

Coronavirus : कर्नाटक में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले, स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से की यह अपील

न तो सद्भावना है और न ही मि‍त्रता, फिर सिंधु जल संधि कैसी

CM भगवंत मान ने नीति आयोग की बैठक में उठाया पंजाब-हरियाणा जल विवाद का मुद्दा

अगला लेख