ऋषभ पंत की हालत स्थिर, मंत्री प्रेमचंद ने मां से मिलकर जाना हाल

एन. पांडेय
शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022 (23:41 IST)
देहरादून। भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत का देहरादून के मैक्‍स अस्‍पताल में इलाज चल रहा है। विशेषज्ञों की टीम ऋषभ पंत के उपचार में जुटी है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है और खतरे की कोई बात नहीं है। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषभ पंत की मां से बात कर उनका हाल जाना।

ऋषभ पंत की मां सरोज पंत अस्पताल में उनके साथ हैं। मैक्स अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ, प्लास्टिक सर्जन, फिजिशियन समेत तमाम डॉक्टरों की टीम उनके उपचार में लगी है।चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशीष याग्निक ने भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बाहर से उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं दिखाई पड़ रही है। उनकी जांघ, ब्रेन और स्पाइन का एमआरआई कराया गया है।

सूत्र बता रहे हैं कि जांघ में कुछ चोटें आई हैं, जिसकी सर्जरी की जा सकती है।ऋषभ पंत के माथे पर दो कट लगे हैं, उनके दाहिने घुटने में लिगामेंट फट गया है और उनकी दाहिनी कलाई, टखने, पैर के अंगूठे में भी चोट लगी है और उनकी पीठ पर घर्षण से चोट लगी है।

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मैक्स अस्पताल में भर्ती क्रिकेटर ऋषभ पंत का हाल जाना। यहां उन्होंने चिकित्सकों से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य को लेकर वार्ता की। साथ ही उनकी मां सरोज पंत से बात कर इलाज का संपूर्ण खर्च राज्य सरकार द्वारा दिए जाने का आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने की ऋषभ पंत की मां से बात : कार दुर्घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिकेटर ऋषभ पंत की मां से बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।बीसीसीआई ने ट्वीट करके इसकी पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए ट्वीट किया, मशहूर क्रिकेटर ऋषभ पंत के साथ हुए हादसे से दुखी हूं। उनके जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं।

ऋषभ पंत की मदद करने वालों को सम्मानित करेंगे पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार : सड़क दुर्घटना में घायल हुए भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की मदद करने को आगे आए हरियाणा रोडवेज़ चालक व परिचालक एवं अन्य स्थानीय लोगों को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार की ‘गुड सेमेरिटन’ स्कीम के अंतर्गत सम्मानित एवं पुरस्कृत करेंगे।

अशोक कुमार के अनुसार किसी भी सड़क दुर्घटना के पीड़ित के लिए पहला एक घंटा यानी गोल्डन ऑवर बहुत महत्वपूर्ण होता है। उस एक घंटे में पीड़ित को आवश्यक उपचार मिलना बहुत महत्वपूर्ण है। आमजन में इस व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए गुड सेमेरिटन स्कीम को लागू किया गया है।
Edited By : Chetan Gour

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