नई दिल्ली। भाजपा ने म्यांमार से भाग कर आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या पर अपना रुख साफ करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार इस मामले में मानवीय पहलुओं के आधार पर पूरी मदद को तैयार है, लेकिन इसकी आड़ में देश में किसी आतंकवादी का प्रवेश बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राजनीतिक प्रस्ताव पर जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने रोहिंग्या मुसलमानों की मदद के लिए बांग्लादेश को पानी एवं खाद्य सामग्री भेजी थी। मानवता के मुद्दे पर सरकार हर मदद को तैयार है, लेकिन इसकी आड़ में कोई आतंकवादी घुस आए, यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि शरणार्थी के लिए मानवता जरूरी है, लेकिन देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार की यात्रा के दौरान वहां सरकार से इस मुद्दे पर बात की थी और कहा था कि म्यांमार के अल्पसंख्यकों से साथ वह मानवीय रुख अपनाए।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए के बारे में भाजपा का रुख पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि सरकार इस बारे में उचित समय पर न्यायालय में हलफनामा दायर करेगी। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में प्रधानमंत्री की पहल पर गोली या गाली की बजाय गले लगाकर बात करने पर अमल किया है। सरकार ने आतंकवादियों के सफाए के साथ विकास के कार्यों को बड़े पैमाने पर बल दिया है और स्थानीय लोगों से बातचीत की पहल शुरू की है।
पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान के साथ उसके अच्छे रिश्ते हों। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसी भावना के साथ लाहौर गए थे, लेकिन उन्हें बदले में पठानकोट हमला मिला। उन्होंने कहा कि भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर आतंकवाद को दुनिया के मुख्य एजेंडे में ला दिया है।
हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का पर्दाफाश किया गया है और ब्रिक्स के संयुक्त घोषणापत्र में भी आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुख स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी हाल ही में एक टेलीविजन पर बयान में कहा है कि अब हमें भी सुधरना होगा। (वार्ता)