मनमोहन राज में हर माह टैप होते थे 9 हजार फोन, आरटीआई से खुलासा

Webdunia
रविवार, 23 दिसंबर 2018 (08:02 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के राज में हर माह 9 हजार फोन और 500 ईमेल टैप होते थे। 
 
इस आरटीआई के अनुसार, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान 2013 में सरकारी एजेंसियों को कानूनी तौर पर निगरानी करने के लिए अधिकार दिए गए थे। इन एजेंसियों में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) डीआरआई, सीबीडीटी जैसी संस्थाएं थीं।
 
वहीं, एक अन्य आरटीआई को दिए गए जवाब में बताया गया है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में हर माह लगभग 300 से 500 ई-मेल अकाउंट की जानकारियां खंगालने के आदेश जारी होते थे।
 
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने 10 केंद्रीय एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में रखे गए सभी डाटा की निगरानी करने और उन्हें देखने के अधिकार दिए हैं। अधिसूचना पर बवाल मचने के बाद केंद्रीय मंत्री राठौड़ ने यह जानकारी दी। 
 
आदेश के मुताबिक, 10 केंद्रीय जांच और खुफिया एजेंसियों को अब सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत किसी कंप्यूटर में रखी गई जानकारी देखने, उन पर नजर रखने और उनका विश्लेषण करने का अधिकार होगा।   

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख