गुड़गांव। किशोर न्याय बोर्ड ने यहां के रेयान इंटरनेशनल स्कूल परिसर में सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के आरोपी किशोर की जमानत अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी। बोर्ड ने यद्यपि इस पर अपना निर्णय 20 दिसंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया कि उसके खिलाफ मामला एक वयस्क के तौर पर चलाया जाना चाहिए या एक किशोर के तौर पर।
बोर्ड ने इससे पहले इस संबंध में एक विशेषज्ञ विचार के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसमें पीजीआई रोहतक के एक मनोचिकित्सक को शामिल किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दो लिफाफों में सौंपी, जिसे आज अदालत कक्ष में खोला गया। प्रद्युम्न के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि रिपोर्ट किशोर के व्यवहार, समाजपरक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर आधारित है।
उन्होंने कहा, हमने रिपोर्ट देखी है और अपनी दलील दी है। टेकरीवाल के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी के खिलाफ एक वयस्क के तौर पर व्यवहार होना चाहिए और इसमें कहा गया है कि वह एक असामान्य बच्चा है, जिसका व्यक्तित्व अति आक्रामक है।
सीबीआई ने दलील दी कि जांच अभी चल रही है और वे अभी भी आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं। सीबीआई के वकील, ठाकुर के वकील और बचाव पक्ष के वकील के बीच तीन घंटे तक काफी बहस हुई, लेकिन बोर्ड ने अंतत: रिपोर्टों के आधार पर किशोर की जमानत की अर्जी खारिज कर दी। किशोर न्याय बोर्ड ने कहा कि आरोपी अपने कदमों के परिणामों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व है। (भाषा)