नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि सबरीमाला मंदिर से जुड़ी नई याचिकाओं पर सुनवाई तभी होगी जब वह मंदिर में सभी वायु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने संबंधी उसके फैसले की समीक्षा चाहने वाली पुरानी याचिकाओं का निपटारा कर देगा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि पांच न्यायाधीशों वाली एक पीठ आज दोपहर 3 बजे से बंद कमरे में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश को चुनौती देने वाली जी विजया कुमार, एस जया राजकुमार और शैलजा विजयन की तीन नई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि रिट याचिकाओं पर सुनवाई पुनर्विचार याचिकाओं पर आदेश दिए जाने के बाद होगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसफ भी शामिल थे।
अगर शीर्ष अदालत फैसले की समीक्षा करने के लिए तैयार होती है तो इन तीन नई याचिकाओं पर सुनवाई पुनर्विचार याचिकाओं के साथ ही होगी। अगर अदालत पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करती है तो नई याचिकाओं पर स्वतंत्र तरीके से गुण-दोष के आधार पर सुनवाई होगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की एक पीठ बंद कमरे में 48 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिसमें फैसले के समीक्षा की मांग की गई है।
28 सितंबर को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने 4:1 के फैसले में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी और कहा था कि यह प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव के दायरे में आता है।