CM Kejriwal house row : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कोरोना काल में 45 करोड़ में बंगले का रिनोवेशन कराने पर सियासी बवाल मच गया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल की विलासिता की कहानी सुनाते हुए कहा कि अब समझ में आ रहा है कि ऑक्सिजन के टैंकर अस्पतालों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे थे।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्हें महाराजा करार दिया। पात्रा ने कहा कि बंगले के लिए उत्कृष्ट उत्पादों के चयन और आलीशान एवं आरामदायक जीवन की लालसा के लिए राजा-महाराजा भी केजरीवाल के आगे सिर झुकाएंगे।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का यह महल उस समय रेनोवेट हो रहा था जब दिल्ली में कोरोना से हाहाकार मचा था। अब समझ में आ रहा है कि ऑक्सीजन के टैंकर क्यों अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे थे... अरविंद जी मरीजों को बेड नहीं दे पा रहे थे क्योंकि वो अपने महल के रेनोवेशन में व्यस्त थे। ये इनकी विलासता की कहानी है।
संबित पात्रा ने मीडिया खबरों के हवाले से कहा कि 45 करोड़ रुपए खर्च कर महाराज के महल का रेनोवेशन किया गया है। 8-8 लाख रुपए के परदे लगाए गए हैं और ये वो लोग हैं जो शपथ लेने के लिए आए थे तो ऑटो में लटक कर आए थे। कहते थे कि हम गाड़ी नहीं लेंगे... घर नहीं लेंगे। 1 करोड़ 15 लाख रुपए से अधिक का तो इनके घर में मार्बल लगा है और यह मार्बल भी वियतनाम से मंगवाया गया है।
भाजपा नेता ने कहा कि आज अखबारों में जो सुर्खियां छपी हैं वो केवल एक महाराज और उनके महल के रेनोवेशन की कहानी नहीं है बल्कि ये महाराज की मानसिकता के रेनोवेशन की कहानी है। कुछ नहीं लूंगा से... सब कुछ लूट लूंगा, कुछ नहीं छोडूंगा... ये उस महाराज में आए परिवर्तन की कहानी है।
उन्होंने कहा कि हमें ज्ञात हुआ है कि अपने खिलाफ आई इन खबरों को ना छापने के बदले अरविंद केजरीवाल ने अखबारों और मीडिया को 20 से 50 करोड़ रुपये देने की बात कही है... लेकिन हम धन्यवाद देते हैं मीडिया के अपने साथियों का जिन्होंने पूरी मुखरता के साथ इसे छापा। ये अरविंद केजरीवाल और उनके भ्रष्टाचार की कहानी है। जनता इसे देखे और महाराज को पहचाने।
पात्रा ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ बंगले की साज-सज्जा का मामला नहीं है, बल्कि आम आदमी पार्टी की विचारधारा और उसके नेताओं की मानसिकता के नवीनीकरण का भी संकेत है।