मुंबई। भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के खिलाफ बगावत करने का दबाव था। राउत ने आरोप लगाया कि मंत्री शिंदे के साथ सूरत गए विधायकों में से कम से कम 2 की 'ऑपरेशन कमल' के तहत गुंडों और पुलिस ने पिटाई की है।
शिंदे के गुजरात में डेरा डालने और सबसे संपर्क तोड़ने के मद्देनजर मचे राजनीतिक उथल-पुथल के सवाल पर राउत ने केंद्रीय एजेंसियों के दबाव की ओर संकेत किया। राउत ने कहा कि वे शिंदे की मजबूरी से अवगत थे जिसने उन्हें पार्टी के खिलाफ बगावत करने के लिए प्रेरित किया।
राउत ने यह भी दावा किया कि कुछ विधायकों को भ्रमित करके उनका 'अपहरण' करके गुजरात ले जाया गया। राउत ने दावा किया कि देशमुख के साथ गए नितिन देशमुख समेत 2 विधायकों को बीती रात पीटा गया। देशमुख ने भागने की कोशिश की, लेकिन 'ऑपरेशनल कमल' के तहत पुलिस और गुंडों ने उनकी पिटाई कर दी और उन्हें दिल का दौरा पड़ा। कुछ विधायकों ने हमसे कहा है कि उन्हें गुमराह किया गया और गुजरात ले जाया गया।
राउत ने आरोप लगाया कि शिवसेना के विधायकों के पास उनके सहयोगियों के कम से कम 4 से 5 फोन कॉल आए जिन्होंने फोन पर बचाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें गुमराह किया गया। राउत के मुताबिक गुजरात से फोन करने वाले विधायकों ने कहा कि उन्हें गुमराह करने समेत उनका अपहरण किया जा रहा है और उन्हें ठाणे में (सोमवार को) रात के खाने के लिए बुलाया गया और फिर ले जाया गया। उनके परिवार के सदस्यों ने अपने पति और पिता के लापता होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
शिवसेना सांसद ने कहा कि उन्हें भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से नोटिस मिले थे, लेकिन वे कभी दबाव में नहीं आए। मैं शिवसेना को कभी नहीं छोड़ूंगा, जो मेरी मां की तरह है। मैं शिंदे की मजबूरियों से वाकिफ हूं। उन्होंने दावा किया कि शिंदे के साथ शिवसेना के 14 से 15 विधायक हैं जबकि मंगलवार को मुंबई में मुख्यमंत्री ठाकरे के साथ बैठक में कम से कम 30 विधायक शामिल हुए।
शिवसेना के पास सदन में 55 विधायक हैं। राउत ने शिंदे को विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटाने को भी उचित ठहराया और कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है। इससे पहले दिन में राउत ने कहा था कि शिंदे के साथ संपर्क स्थापित किया गया है, जो मुंबई में नहीं हैं।