विलय के विरोध में 13 जुलाई को बैंकों की हड़ताल

Webdunia
सोमवार, 20 जून 2016 (17:03 IST)
चेन्नई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पांच अनुषंगी बैंकों के एसबीआई में विलय के विरोध में देश भर के बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी 13 जुलाई को हड़ताल करेंगे।
        
बैंक कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) तथा अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) ने हड़ताल का आह्वान किया है। इसके अलावा एसबीआई की पांचों अनुषंगी बैंकों के कर्मचारी एवं अधिकारी 12 जुलाई को भी हड़ताल पर रहेंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ बिकानेर एंड जयपुर तथा स्टेट बैंक ऑफ पटियाला शामिल हैं।
        
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटाचलम ने बताया कि कर्मचारी तथा अधिकारी संघों के प्रतिनिधियों ने पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर प्रस्तावित विलय के विरोध में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बताया कि इन बैंकों को बंद कर एसबीआई में इनका विलय अपरिहार्य नहीं है। हमने वित्तमंत्री से कहा कि ऐसे समय जब बैंक जोखिम में फंसे ऋण के मामले में उलझे हुए हैं और बैंकों को मजबूत किए जाने की ज्यादा जरूरत है बैंकों के विलय को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए।
         
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गत सप्ताह हुई मंत्रिमंडल की बैठक में देश के सबसे बडे वाणिज्यिक बैंक एसबीआई में उसके पाँच अनुषंगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी गई। लेकिन इस प्रस्ताव को एक बार फिर मंत्रिमंडल के समक्ष लाना पड़ेगा क्योंकि कुछ कानूनी पहलुओं का समाधान किया जाना बाकी है।
 
वेंकटाचलम ने बताया कि जेटली ने अपनी तरफ से बैंकों को और अधिक मजबूती देने तथा वैश्विक स्तर पर बड़े बैंकों की श्रेणी में शामिल होने लायक बनाने की केंद्र सरकार की नीतियों के बारे में समझाने की कोशिश की। वहीं, बैंक प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष दोहराते हुए उनसे विलय के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जेटली के रुख से ऐसा लगता है कि सरकार विलय प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के मूड में है और दोनों संघों ने हड़ताल के जरिए अपना विरोध जताने का फैसला किया है।
        
एआईबीओए के महासचिव एस. नागार्जन ने बताया कि आज सभी केंद्रों पर कर्मचारी एवं अधिकारी प्रदर्शन कर रहे हैं। 30 जून को वे राज्यों की राजधानियों में प्रदर्शन करेंगे और इसके बाद 13 जुलाई को पूर्ण हड़ताल होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के नाम पर सरकारी बैंकों को निजी करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इन बैंकों को निजी कॉर्पोरेट घरानों के हवाले कर उन्हें आम लोगों की बचत लूटने दी जाए।
        
वेंकटाचलम और नागार्जन ने कहा कि बैंकों के कारोबार का विस्तार कर उनका आकार बढ़ाने की जगह सरकार उनका विलय कर उनका आकार बढ़ाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि देश को मजबूत सरकारी बैंकों की आवश्यकता है और इसके लिए जरूरी नहीं है कि उनका आकार बड़ा हो। सरकार का ध्यान 13 लाख करोड़ रुपए के जोखिम में फंसे कर्ज पर होना चाहिए। कड़े कदम उठाकर इनकी वसूली की जानी चाहिए न कि इनके लिए प्रावधान किए जाने चाहिए और इन्हें बट्टे खाते में डाला जाना चाहिए।
 
वेंकटाचलम ने कहा कि फरार कारोबारी विजय माल्या सिर्फ एक छोटी मछली है और उनसे बड़े कर्ज लेकर नहीं चुकाने वाले कई लोग हैं। उन्होंने सरकार से जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों की सूची जारी करने की भी माँग दोहराई। (वार्ता) 
Show comments

जरूर पढ़ें

देश जैसा चाहता है, वैसा होकर रहेगा, राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को खुली चेतावनी

कांग्रेस ने कई गलतियां कीं... राहुल गांधी ने क्यों कहा ऐसा?

पश्चिम बंगाल में कैसे चुनौती बन रहा है कट्टरपंथ, राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद दंगों को लेकर गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट, क्या दिए सुझाव

Pakistan Ranger : गिरफ्त में पाकिस्तानी रेंजर, क्या था मकसद, BSF को मिले नए ऑर्डर

Pahalgam Attack के बाद अब तक 39 लोग गिरफ्तार, असम में कर रहे थे पाकिस्तान का समर्थन

सभी देखें

नवीनतम

जॉर्ज सिमियन बने रोमानिया के राष्ट्रपति, नए सिरे से हुए चुनाव में निर्णायक जीत हासिल की

महिलाओं के खिलाफ हिमंत की आपत्तिजनक टिप्पणी, गौरव गोगई बोले माफी मांगो

पहलगाम अटैक में PAK की साजिश का बड़ा खुलासा, आतंकियों को दी गई थी मिलिट्री ट्रेनिंग

Petrol Diesel Prices: Crude Oil के भाव फिर गिरे, 60 डॉलर से नीचे पहुंचा, जानें पेट्रोल और डीजल के ताजा भाव

राहुल गांधी भारतीय हैं या ब्रिटिश? हाईकोर्ट में केंद्र सरकार का आज जवाब

अगला लेख