BJP नेता शाहनवाज हुसैन पर चलेगा दुष्कर्म का केस, SC ने खारिज की याचिका, 2018 में महिला ने लगाया था आरोप

Webdunia
सोमवार, 16 जनवरी 2023 (17:56 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सैयद शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) की याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें 2018 के कथित दुष्कर्म मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया था।

मजिस्ट्रेटी अदालत ने 7 जुलाई 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि शिकायत में संज्ञेय अपराध बनता है। इसके बाद भाजपा नेता ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। हुसैन की अपील पर अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है। याचिका खारिज की जाती है।
2018 में महिला ने लगाया था आरोप : दिल्ली की रहने वाली महिला ने जनवरी 2018 में निचली अदालत में याचिका दायर कर हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने का गुजारिश की थी।

महिला ने आरोप लगाया था कि हुसैन ने छतरपुर फार्म हाउस में उसके साथ दुष्कर्म किया व जान से मारने की धमकी दी। 
 
निष्पक्ष होने दें जांच : पूर्व केंद्रीय मंत्री हुसैन के अधिवक्ता से न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि पहले इस मामले में निष्पक्ष जांच होने दें, यदि कुछ नहीं है, तो आप दोषमुक्त हो जाएंगे।’’
 
हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ से कहा कि नेता के खिलाफ शिकायतकर्ता महिला की ओर से शिकायत पर शिकायत दर्ज कराई गई है।
 
रोहतगी ने अपनी दलील में कहा कि शिकायत पर शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसकी जांच पुलिस द्वारा की गई, लेकिन कुछ भी नहीं मिला। यह अनवरत जारी नहीं रह सकता।

रोहतगी ने कहा कि यह हुसैन के खिलाफ ‘अनवरत हमलों की श्रृंखला’ है। हालांकि, पीठ ने कहा, ‘‘हम हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं पाते हैं।
 
उच्च न्यायालय ने पिछले साल 17 अगस्त को निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली हुसैन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि 2018 के आदेश में कुछ भी गड़बड़ी नहीं है।

निचली अदालत ने दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त, 2022 को उच्च न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी।
 
उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसके पहले हुई सुनवाई के दौरान हुसैन के अधिवक्ता ने दलील दी थी कि शिकायत ‘फर्जी’ और ‘दुर्भावनापूर्ण’ है।
 
2018 में दिल्ली की एक महिला ने कथित दुष्कर्म को लेकर हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करते हुए यहां की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने इन आरोपों से इनकार किया है।
 
मजिस्ट्रेट अदालत ने 7 जुलाई, 2018 को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि शिकायत में हुसैन के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला बनाया गया है। इस आदेश को भाजपा नेता ने एक सत्र अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
 
इस मामले में हुसैन की अपील पर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ‘मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है। याचिका खारिज की जाती है। हुसैन के खिलाफ कार्रवाई पर रोक से जुड़े अंतरिम आदेश को वापस लिया जाता है। अविलंब प्राथमिकी दर्ज की जाए।’ इनपुट भाषा Edited by Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: अडाणी को बड़ा झटका, केन्या ने रद्द किया 700 मिलियन डॉलर का करार

Manipur Violence : मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस ने किया यह दावा

Adani Group की कंपनियों को भारी नुकसान, Market Cap में आई 2.19 लाख करोड़ की गिरावट

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

अगला लेख