SC Questions Timing of Arvind Kejriwals Arrest, Seeks Reply from ED : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जीवन और स्वतंत्रता को बेहद अहम करार देते हुए आम चुनाव से पहले आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) से सवाल किया और जांच एजेंसी से इसका जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखते हुए ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कई सवाल पूछे और शुक्रवार को इनका जवाब मांगा। पीठ ने राजू से कहा कि जीवन और स्वतंत्रता बेहद अहम हैं। आप इससे इनकार नहीं कर सकते।
पीठ ने इस मामले में न्यायिक कार्यवाही शुरू करने और गिरफ्तारी की कार्रवाई के बीच की लंबी अवधि को भी चिह्नित किया और कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 8 अधिकतम 365 दिन की सीमा प्रदान करती है। शीर्ष अदालत में केजरीवाल की याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होने की संभावना है।
पीठ ने कहा कि श्रीमान राजू, हमारे कुछ सवाल हैं और हम चाहेंगे कि अपना पक्ष रखते समय इनका आप जवाब दें। पहला यह कि पीएमएलए पर इस अदालत के कई फैसलों के मद्देनजर बिना किसी न्यायिक कार्यवाही के क्या ईडी आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकती है। पीठ ने कहा कि इस मामले में कुर्की की कोई कार्यवाही अभी तक नहीं शुरू की गई है और यदि कोई इस तरह की कार्यवाही शुरू की गई है तो ईडी को यह भी दिखाना होगा कि याचिकाकर्ता (केजरीवाल) कैसे इससे संबंधित हैं।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि आबकारी नीति घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला 2 भागों में बंटा हुआ है - पहला भाग सिसोदिया के पक्ष में था और दूसरा भाग उनके खिलाफ था। पीठ ने कहा कि आपको (राजू) हमें बताना होगा कि याचिकाकर्ता (केजरीवाल) के मामले में सिसोदिया से जुड़े फैसले का कौन सा हिस्सा निहित है।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि तीसरा महत्वपूर्ण सवाल ईडी की गिरफ्तारी की शक्ति से संबंधित है क्योंकि इसी कारण से केजरीवाल ने बार-बार अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पीठ ने राजू से कई अन्य सवाल भी पूछे। पीठ ने जांच एजेंसी से केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख पर जवाब देने के लिए कहा जिसमें उन्होंने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है।
इस मामले में 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत यहां तिहाड़ जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया और केजरीवाल की याचिका पर उससे जवाब मांगा। उच्च न्यायालय ने 9 अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं थी और बार-बार जारी समन को नजरअंदाज करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास 'कम विकल्प' बचा था।
यह मामला दिल्ली सरकार की अब निरस्त की जा चुकी आबकारी नीति (2021-22 के लिए) के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। भाषा Edited by: Sudhir sharma