नेता अपने अजीब बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। उत्तराखंड के मंत्री का एक ऐसा ही बयान सामने आया है, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने हैरान करने वाला बयान दिया है।
मंत्री रेखा आर्य ने अपने विभाग के अधिकारियों को शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल अभिषेक करने के दौरान एक सेल्फी क्लिक करने को कहा है। उन्होंने कहा, सेल्फी क्लिक करने के बाद उसे अपने विभाग की ईमेल पर भेजने के साथ ही व्हाट्सऐप पर जिलाधिकारी को भेजने के लिए कहा है।
रेखा आर्य ने कहा है कि राज्य में लैंगिक असमानता (Gender Inequality) को दूर करने के संकल्प के साथ 26 जुलाई को कांवड़ियों की एक कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि 25 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में वह खुद भी एक शिवभक्त कांवड़िया के रूप में हिस्सा लेंगी। रेखा आर्य ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने कहा कि वह यात्रा के दौरान हरिद्वार में संतों और अखाड़ों के प्रमुखों का आशीर्वाद मांगेंगी।
उन्होंने कहा कि वह यात्रा में शामिल सभी शिवभक्तों के साथ ऋषिकेश के भगवान शिव मंदिर में 2025 तक राज्य के लिंगानुपात में सुधार करने का संकल्प लेंगी। इस बयान के बाद विवाद और राजनीति शुरू हो गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड सरकार में मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को अपनी भगवान शंकर के साथ ली गई सेल्फी को विभाग की ईमेल पर भेजने के भी निर्देश जारी किए हैं। वहीं, अपनी सेल्फी को व्हाट्सऐप पर अपने संबंधित जिला अधिकारियों के साथ शेयर करने के लिए भी कहा है। मंत्री आर्य ने कहा कि इस फैसले से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत केंद्र सरकार की बेटी बचाओ योजना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
बता दें कि रेखा आर्य हरिद्वार से ऋषिकेश तक 25 किलोमीटर की भव्य कांवड़ यात्रा की भी योजना बना रही हैं, जिसमें सभी विभाग के अधिकारी, नौकरशाह, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और अन्य विभागों के स्वयंसेवक शामिल होंगे। यात्रा का समापन ऋषिकेश के 1300 साल पुराने वीरभद्र मंदिर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भगवान शिव का जलाभिषेक करने के साथ होगा।
स्वेच्छा है, कनपटी पर बंदूक नहीं रखी
रेखा आर्य के इस आदेश के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष ने उन्हें निशाने पर ले लिया है। विपक्षी नेताओं ने कहा है कि धर्म से जुड़े ऐसे निर्देश जारी करने के बजाय महिलाओं के खिलाफ बढ़ती अपराध दर और अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, कई सरकारी अधिकारियों ने भी इस कदम पर नाराजगी जताई है।
जब विवाद बढ़ने लगा तो मंत्री रेखा आर्य ने सफाई देते हुए कहा उन्होंने निमंत्रण दिया है, ना कि कनपटी पर बंदूक रखी है। ये आपकी स्वेच्छा के ऊपर है कि आप पुण्य कार्यक्रम में आना चाहते हैं या नहीं। किसी को कार्यक्रम में रहना या ना रहना, इच्छा पर निर्भर करता है। जब हम किसी को निमंत्रण देते हैं तो उसकी स्वेच्छा पर छोड़ते हैं। रेखा आर्य ने कहा कि धार्मिक आयोजन के लिए किसी अधिकारी को कोई निर्देश नहीं दिया गया है।