नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए 2005 में दर्ज धनशोधन के मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह और एक संदिग्ध हवाला डीलर के खिलाफ शनिवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें आरोप लगाया कि शाह पाकिस्तान के आतंकवादी हाफिज सईद के संपर्क में थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा के समक्ष दाखिल अंतिम रिपोर्ट में कथित हवाला डीलर मोहम्मद असलम वानी का भी नाम है। वह भी शाह के साथ न्यायिक हिरासत में है।
अदालत ने 700 से ज्यादा पन्ने वाले आरोपपत्र का संज्ञान लिया और 27 सितम्बर को आरोपी को पेश करने का निर्देश दिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपपत्र में 19 गवाहों ने अपनी गवाही दी है। मामला अगस्त 2005 का है जब दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पूर्व में वानी को गिरफ्तार किया था।
वानी ने उस समय दावा किया था कि उसने शाह को 2.25 करोड़ रुपए दिए। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
आरोपपत्र में केंद्रीय जांच एजेंसी ने शाह के बयान दर्ज किए हैं जिसमें उन्होंने जांचकर्ताओं को कथित तौर पर कहा है कि उनका अपना आय का कोई स्रोत नहीं है और वह आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते। एजेंसी ने दावा किया कि शाह वैश्विक आतंकवादी और पाकिस्तान के जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद से फोन पर बात करते थे और जनवरी में भी उन्होंने उससे बात की थी।
ईडी ने दावा किया कि शाह को स्थानीय लोगों और शुभेच्छुकों से पार्टी कोष में केवल नकद राशि मिलती थी जो प्रति वर्ष आठ से दस लाख रुपए होती थी। इसने पाया कि शाह इस राशि का हिसाब नहीं रखते जिसे वह केवल नकद हासिल करते हैं।
निदेशालय ने शाह को 26 जुलाई को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था और तब से एक दर्जन से ज्यादा बार उनके बयान दर्ज कर चुकी है। एजेंसी ने छह अगस्त को वानी को गिरफ्तार किया। (भाषा)