दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर गुरुवार को सरेआम फायरिंग करने वाले सिरफिरे बंदूकबाज के निशाने पर हड़ताली छात्र नहीं बल्कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी थे। ये चौंकाने वाला खुलासा खुद दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में हुआ है। तीस जनवरी को जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर एक नाबलिग ने पुलिस की मौजदूगी में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर फायरिंग कर दी थी जिसमें एक प्रदर्शनकारी छात्र घायल हुआ था।
पुलिस ने फायरिंग करने वाले नाबलिग को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं अब मीडिया रिपोर्टस के हवाले से खबर है कि पुलिस पूछताछ में आरोपी नाबलिग ने बताया है कि वह शाहीन बाग में बंद रास्ते को खुलवाने के लिए दहशत फैलाने के इरादे से बंदूक लेकर आया था, लेकिन शाहीन बाग का रास्ता नहीं पता होने से और रास्ते में CAA के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन को देखकर वह रुक गया और उसने फायरिंग कर दी।
आरोपी नाबलिग ने पूरी घटना को अंजाम देने से फेसबुक पर काफी सक्रिय था। उसने शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर एक पोस्ट में लिखा था शाहीन बाग खेल खत्म। इसके साथ ही जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर फायरिंग करने से पहले भी वह फेसबुक लाइव कर रहा था। शुक्रवार को आरोपी नाबलिग को शुक्रवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया जहां उसे 14 दिनों की प्रोटेक्टिव हिरासत में भेज दिया गया है।