शिया बोर्ड ने तीन तलाक मुद्दे पर दिया यह बयान

Webdunia
शनिवार, 15 अप्रैल 2017 (18:57 IST)
लखनऊ। तीन तलाक समेत कई अहम मुद्दों को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक के लखनऊ में आयोजन से पहले शिया समुदाय ने अपील की है कि बोर्ड तीन तलाक की व्यवस्था पर कुरान और शरीयत की रोशनी में इंसानियत के तकाजे को देखते हुए विचार करे।
 
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने यहां बातचीत में कहा कि तीन तलाक को लेकर देश में विरोध के तेज होते स्वरों के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक शाम नदवा में शुरू हो रही है। मेरी अपील है कि बोर्ड एक ही बार में तीन तलाक की व्यवस्था पर कुरान, शरीयत और इंसानियत को मद्देनजर रखते हुए विचार करे। 
 
उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर करना होगा कि मुहम्मद साहब के जमाने में मुस्लिम कौम में तीन तलाक का रिवाज नहीं था। अगर तीन तलाक वाकई शरई व्यवस्था है, तो यह उस वक्त लागू क्यों नहीं थी। आज जरूरत इस बात की है कि मुहम्मद साहब के समय की व्यवस्था को लागू किया जाए।
 
मौलाना अब्बास ने कहा कि तीन तलाक को लेकर मीडिया और समाज में जिस तरह की बातें हो रही हैं, उससे इस्लाम की छवि खराब हो रही है। सुन्नी वर्ग के लोग जब यह मान रहे हैं कि तीन तलाक की व्यवस्था का दुरुपयोग हो रहा है, तो इसे आपसी सहमति से खत्म कर दिया जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि अनेक मुस्लिम देशों में एक ही बार में तीन तलाक की व्यवस्था खत्म की गई है, क्योंकि यह मुस्लिम औरतों की जिंदगी से जुड़ा सवाल है। शिया समुदाय में तो तीन तलाक की शुरू से ही कोई व्यवस्था नहीं है। तीन तलाक के मुद्दे पर केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर अब्बास ने कहा कि असल बात यह है कि हमने ही सरकारों को शरई कानूनों में दखलंदाजी करने का मौका दिया है। अगर हम अपनी सामाजिक बुराइयों को अपने ही स्तर पर ठीक कर लेते तो यह नौबत नहीं आती।
 
मालूम हो कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शाम लखनऊ स्थित नदवा में आयोजित की जाएगी। बैठक के एजेंडे में मुख्य रूप से तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय में जारी मामले की पैरवी और बाबरी मस्जिद विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की उच्चतम न्यायालय की पेशकश का मुद्दा शामिल है। साथ ही बोर्ड की महिला शाखाओं को और मजबूत करने के रास्तों पर भी चर्चा होगी। तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय में लम्बित मुकदमे में ऑल इंडियामुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक पक्षकार है। (भाषा) 
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