नई दिल्ली। शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बारे में निर्णय को लेकर कुछ अतिरिक्त मोहलत नहीं दिए जाने के राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
शिवसेना ने मामले की त्वरित सुनवाई का भी न्यायालय से अनुरोध किया है। याचिका में महाराष्ट्र सरकार के अलावा कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को भी पार्टी बनाया गया है। शिवसेना ने मांग की थी कि उन्हें कांग्रेस से समर्थन का पत्र लेने के लिए 3 दिन का और समय दिया जाए।
याचिका में आरोप लगाया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भाजपा के इशारों पर काम कर रहे हैं। राकांपा ने आरोप लगाया है कि उसे सरकार बनाने के लिए ज़रूरी वक़्त नहीं दिया गया। राज्यपाल ने जहां भाजपा को समर्थन जुटाने के लिए 48 घण्टे का वक़्त दिया, वहीं शिवसेना को महज 24 घंटे मिले।
कांग्रेस ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर संविधान का मजाक बनाया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने मुख्य न्यायाधीश से पूछा है कि याचिका को सुनवाई के लिए कब सूचीबद्ध करना है।
लोकतंत्र की हत्या : माकपा ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की कड़ी आलोचना की है और इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा है कि जब महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राकांपा प्रमुख शरद पवार को मंगलवार रात 8:30 बजे तक का समय दिया था तो समय बीतने से पहले ही राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश क्यों कर दी गई।