मुंबई। देश में 4 राज्यों में भाजपा के सत्ता में लौटने पर शिवसेना ने शुक्रवार को पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे इस सफलता के कारण अपच का शिकार नहीं होना चाहिए क्योंकि हार के मुकाबले जीत को पचाना अधिक मुश्किल होता है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में संपादकीय में लिखा कि चार राज्यों में भाजपा की जीत से महाराष्ट्र पर असर नहीं पड़ेगा और इसका असर वैसा ही होगा जैसा कि बंदरों के शराब की बोतल पकड़ने पर होता है।
पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास पर जाति को वरीयता दी जाती है और इस बार भाजपा चुनाव जीतने के लिए हिजाब और जाति के मुद्दे का इस्तेमाल करके सफल रही। उसने दावा किया कि मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने भी मौन रहकर भाजपा की मदद की।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि ऐसी उम्मीद थी कि अखिलेश यादव नीत गठबंधन को लगभग 180 सीटों पर जीत मिलेगी क्योंकि उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही थी लेकिन वह 150 के आंकड़े को पार नहीं कर सकी।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश में चुनावों में अपनी पार्टी की अगुवाई की। उसने कहा कि अगर यादव और गांधी ने चुनाव साथ लड़ा होता तो वे कड़ा मुकाबला देने के लिए बेहतर स्थिति में होते। प्रियंका को राज्य में अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए।