मुंबई। नरेन्द्र मोदी सरकार में सहयोगी शिवसेना ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से नाराजगी जाहिर करते हुए रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया।
सत्तारुढ़ राजग में भाजपा के बाद सबसे अधिक 18 सांसदों वाली शिवसेना ने कहा कि वह केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार से नाखुश है।
बड़ी सहयोगी पार्टी होने के बावजूद शिवसेना का सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री होने से वह नाखुश बताई जाती है। शिवसेना महाराष्ट्र की भाजपा सरकार में भी सहयोगी है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के सांसद भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यमिता मंत्री अनन्त गीते शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद नहीं थे।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को ही कहा था कि उन्हें केन्द्र की तरफ से प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार के लिये ना तो बताया गया है और ना ही कोई सूचना दी गई है। उन्होंने अपने निगम पार्षदों और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा था कि शिवसेना सत्ता की भूखी नहीं है।
ठाकरे ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में मुझे मीडिया से पता चला है, वर्तमान में प्रत्येक का ध्यान स्वयं पर केन्द्रित है किन्तु शिवसेना मुंबई के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है और इस पर ध्यान केन्द्रित किए हुए है। (वार्ता)