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चलती ट्रेन में आया साइलेंट हार्ट अटैक, 12 घंटे तक लाश से लिपटकर झांसी पहुंची पत्‍नी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 4 जनवरी 2024 (12:23 IST)
  • चलती ट्रेन में थमी अयोध्‍या जा रहे शख्‍स की सांसें
  • 12 घंटे तक लाश से लिपटकर ट्रेन में बैठी रही पत्‍नी
  • पोस्‍टमार्टम के बाद ही पता चलेगा कैसे हो गई शख्‍स की मौत
Jhansi News: पति के साथ अयोध्या जा रही एक महिला को पता ही नहीं चला कि कब उसके पति की धडकनें थम गई हैं। पति चलती ट्रेन में चल बसा और पत्‍नी को उसके गुजर जाने का जरा भी अंदाजा नहीं हुआ। पति महिला के कंधे पर सिर रखकर सोया था और फिर उठा ही नहीं।  मामला साइलेंट हार्ट अटैक का लगता है, हालांकि पोस्‍टमार्टम के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर शख्‍स की मौत की क्‍या वजह है।

दरअसल, अहमदाबाद के सूरत से यात्रा करने वाला पति रामकुमार अपनी पत्नी के साथ रात में पत्‍नी के कंधे पर सिर रखकर सोया था, इस बीच पत्‍नी की भी आंख लग गई। पति सुबह 8 बजे तक उठा ही नहीं। जब पत्नी की नींद खुली तो कई बार उठाने पर भी पति नहीं उठा।

दरअसल, नींद में ही पति का दम निकल गया। चलती ट्रेन में पति की ये हालत देख पत्‍नी को समझ नहीं आया वो क्‍या करे,लेकिन ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने मदद की और पत्‍नी का ध्‍यान रखा। इसके बाद पत्नी अपने पति के शव को 12 घंटे की लंबी यात्रा के दौरान खुद से चिपकाकर झांसी ले आई। कुछ आसपास के यात्रियों के अलावा उसने ट्रेन में किसी को नहीं बताया कि उसके पति की मौत हो गई है। बिना बताए शव से लिपटकर लेटी रही। जब झांसी पहुंची तब सूचना पर जीआरपी ने शव को ट्रेन से उतारा। ट्रेन की बोगी के अंदर से शव निकलता देख सफर कर रहे दूसरे यात्री भी दंग रह गए।

झांसी में अहमदाबाद से चलकर अयोध्या जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच क्रमांक एस-6 की सीट क्रमांक 43, 44, 45 पर रामकुमार निवासी ग्राम मजलाई, थाना इनायत नगर, अयोध्या अपनी पत्नी प्रेमा, दो छोटे-छोटे बच्चों व साथी सुरेश यादव के साथ यात्रा कर रहा था। सभी सूरत से अयोध्या के लिए ट्रेन में बैठे थे। यात्री के साथी के अनुसार सफर के दौरान रात में रामकुमार सो गया। मंगलवार की सुबह करीब 8 बज रहा होगा, तभी उन्होंने रामकुमार को जगाना चाहा, लेकिन वह नहीं उठा। रात 8 बजे जब ट्रेन झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पहुंची तब जीआरपी की मदद से उसके शव को ट्रेन से उतारा और कब्जे में लिया। इसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
Edited By : Navin Rangiyal

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