निमाड़ के जाने माने और लोकप्रिय सिद्ध संत सियाराम बाबा की तबीयत खराब होने की खबर आ रही है। वे काफी उम्रदराज हैं और नर्मदा किनारे हनुमानजी के प्रति अपनी सेवा और साधना के लिए लोकप्रिय हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। बाबा के स्वास्थ्य को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पूरे मध्यप्रदेश में चिंता है। सीएम के निर्देश पर इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम आश्रम में लगातार उपचार कर रही है। इसी बीच बाबा का हाल जानने रोजाना सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु नर्मदा नदी के किनारे तेली भट्याण स्थित बाबा के आश्रम पहुंच रहे हैं। बाबा के जल्द ठीक होने के लिए रोजाना सुंदरकांड का आयोजन किया जा रहा है। मंदिरों में पूजा अर्चना कर लोग दुआएं मांग रहे हैं।
कब हुआ था स्वास्थ्य खराब : बता दें कि 29 नवंबर को लगभग 92 वर्षीय सियाराम बाबा का स्वास्थ्य खराब हो गया था। उन्हें निमोनिया हुआ था। बड़वाह के एक निजी अस्पताल में चार दिन इलाज चला। 3 दिसंबर को वह आश्रम लौट आए। फिर सियाराम बाबा ने आश्रम पर ही इलाज की इच्छा व्यक्त की। बाबा का स्वास्थ्य खराब होने की खबर सीएम डॉ. मोहन यादव को लगी तो उन्होंने कलेक्टर से फोन पर बाबा का हाल जाना और आश्रम पर ही अस्पताल जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मेडिकल टीम कर रही देखभाल : खरगोन सीएमएचओ डॉ. एमएस सिसोदिया और टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्ष महाजन की निगरानी में डॉक्टरों की एक टीम आश्रम में बाबा का उपचार कर रही है। वहीं, सोशल मीडिया पर बाबा के अस्वस्थ होने की खबर फैलने के बाद से ही निमाड़ सहित पूरे मध्य प्रदेश से भक्त आश्रम पहुंच रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से व्यवस्थाएं संभालने के लिए पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। खिड़की से बाबा के दर्शन कराए जा रहे हैं। इसी बीच लगातार बाबा के निधन की अफवाहें भी फैल रही है। सोमवार को भी इस तरह की जानकारी फैलने से आश्रम में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
क्यों पूरे देश में प्रसिद्ध हैं सियाराम बाबा : बता दें कि मौसम कोई भी सियाराम बाबा हमेशा एक लंगोट में ही रहते हैं। दान में 10 रुपये से ज्यादा किसी से नहीं लेते हैं। हनुमानजी के परम भक्त हैं और पूरे समय रामायण का पाठ करते हैं। दिनचर्या की बात करें तो कड़कड़ाती ठंड में भी बाबा सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नर्मदा स्नान करते हैं और नर्मदा परिक्रमा वासियों को खुद खाना पकाकर खिलाते हैं। वहीं, आश्रम में उनसे मिलने आने वाले श्रद्धालुओं को अपने हाथ से प्रसाद बांटते हैं।
70 साल पहले भट्याण आए थे बाबा : बाबा के बारे में बताया जाता है कि सियाराम बाबा गुजरात के रहने वाले हैं। बंबई में उन्होंने कक्षा 11वीं तक पढ़ाई की है। यहीं से बाबा ने अपने गुरुजी के साथ 5 वर्षों तक भारत भ्रमण किया। बाबा ने मानसरोवर यात्रा भी की है। साल 1954-55 में सियाराम बाबा तेली भट्याण आए, तब उनकी उम्र करीब 20 से 22 वर्ष थी। यहां पीपल के पेड़ के नीचे बाबा ने कई वर्षों तक खड़े रहकर मौन साधना भी की। नीम की पत्तियां खाते थे। पहली बार बाबा के मुख से सियाराम शब्द निकला और तभी से लोग उन्हें इसी नाम से जानने लगे।
क्या है बाबा की उम्र का रहस्य : बाबा की उम्र को लेकर अक्सर लोग धोखा खा जाते हैं. शरीर को देख लगता है कि बाबा की उम्र 100 साल से ज्यादा है, कई लोगों को मानना है कि बाबा की उम्र करीब 110 या 116 वर्ष से भी ज्यादा है। हालांकि, सेवादारों के मुताबिक बाबा की सही उम्र 92-94 वर्ष के आसपास है। चूंकि, बाबा करीब 70 साल पहले यहां आए थे, तब उनकी उम्र महज 20-22 साल थी।