लेह-लद्दाख हिंसा को सोनम वांगचुक ने बताया GEN-Z विद्रोह, भाजपा कार्यालय में आगजनी-तोड़फोड़
लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग को लेकर भाजपा दफ्तर सहित अन्य सरकारी इमारतों में तोड़फोड़-आगजनी
लद्दाख को अलग पूर्ण राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो गया। लेह में अलग राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर पत्थरबाजी करते हुए पुलिस की गाडियों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के साथ लद्दाख के संवैधानिक अधिकारियों की बहाली की मांग कर रहे थे और आज लद्दाख बंद का आव्हान किया था।
वहीं लद्दाख को पूर्ण राज्य की मां को लेकर 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक ने हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि लेह में बड़े पैमाने पर हुई हिसा से उन्हें दुख है। सोनम वांगचुक का कहना है कि उनके साथ 35 दिन के अनशन पर बैठे दो लोगों की तबियत बिगड़ने के बाद लोगों में आक्रोश था और आज की हिंसा उसी का परिणाम है।
पांच साल से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग करने के लिए आंदोलन-प्रदर्शन करने वाले सोनम वांचुक ने कहा कि लद्दाख बंद के दौरान आज युवा पीढ़ी हजारों की संख्या में बाहर आ गए और यह एक तरह से युवा पीढ़ी का भड़ास था, जो एक तरह से GEN-Z विद्रो है, जो उनको सड़कों पर लाया। उन्होंने कहा कि लद्दाख का युवा पांच साल से बेरोजगार है और एक के बाद एक बहाने कर युवाओं नौकरियों से दूर रखा जा रहा है और उनके लोकतंत्रिक अधिकारों को छीना जा रहा है। इसके साथ लद्दाख को संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। लद्दाख को लेकर छठे शेड्यूल को लेकर जो वचन दिया गया था वह भी नहीं माना गया।
सोनम वांगचुक ने कहा कि वह लद्दाख की युवा पीढ़ी से अपील है कि वह हिंसा के रास्ते पर नहीं चले और किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करे, वह अपनी बात शांति पूर्ण तरीके से करें। उन्होंने कहा कि सरकार भी संवेदनशील होकर उनकी बातों सुने।
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक के साथ धरने पर बैठे दो लोगों की हालत बिगड़ने पर मंगलवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। वहीं प्रदर्शनकारियों की हालत बिगड़े पर प्रदर्शनकारियों क गुस्सा फूट पड़ा और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने लेह हिल काउंसिल की इमारत पर भी पथराव शुरू कर दिया। हालात को देखते हुए बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई है। बुधवार को स्थानीय लोगों ने अपनी मांगों को लेकर लद्दाख बंद का भी आह्वान किया था।