मुलायमसिंह सख्त, चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल किया हलफनामा

Webdunia
सोमवार, 9 जनवरी 2017 (07:20 IST)
मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को चुनाव आयोग के साथ लंबी बैठक की और एक हलफनामा दखिल किया। इस बीच खबर यह भी है कि उन्होंने राज्यसभा के सभापति को चिट्ठी लिखकर यह जानकारी दी गई है कि रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया गया है अत: उन्हें संसदीय दल के पद से हटा दिया जाए। दूसरी ओर, आज ढाई बजे अखिलेश यादव गुट के नेता भी चुनाव आयोग से मिलेंगे। दोनों ही गुट अब पार्टी के साइकल चिन्ह और नाम के लिए अपना अपना दावा ठोंक चुके हैं।
चुनाव आयोग से मुलाकात के दौरान उनके साथ अमर सिंह और शिवपाल यादव भी मौजूद थे। चुनाव आयोग ने सपा के भीतर मचे घमासान के बीच दोनों ही पक्षों से एफिडेविट देने को कहा था। वहीं, इससे पहले रामगोपाल यादव पहले ही चुनाव आयोग से मुलाकात कर चुके हैं और 90 फीसदी सांसद, विधायकों का अखिलेश के समर्थन में होने का दावा किया है। 

आज फिर से ढाई बजे अखिलेश खेमा भी चुनाव आयोग पहुंच सकता है। अखिलेश की ओर से रामगोपाल यादव चुनाव आयोग जा सकते हैं। अखिलेश गुट ने पार्टी सिंबल पर अपने अपने दावे से जुड़े दस्तावेज पहले ही जमा करा दिए हैं। आयोग ने दोनों पक्षों को अपने-अपने कागजात 9 जनवरी तक जमा करने को कहा था। इससे पहले अखिलेश गुट की ओर से शनिवार को करीब 90 फीसदी विधायकों, सांसदों और प्रतिनिधियों के समर्थन का एफिडेविट 6 बक्सों में चुनाव आयोग को सौंप जा चुका हैं।

इससे पहले कल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए कहा था कि मैं पार्टी का अध्यक्ष, अखिलेश मुख्यमंत्री और शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि रामगोपाल का अधिवेशन फर्जी था वह पार्टी से निष्कासित हैं। मुलायम ने अपने इस बयान से एक बार फिर से साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं है और उन्होंने रामगोपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
 
रामगोपाल और अखिलेश के एक जनवरी को बुलाए गए पार्टी अधिवेशन को भी मुलायम सिंह यादव ने फर्जी करार दिया। मुलायम सिंह ने कहा, 'रामगोपाल पार्टी से बर्खास्त थे और बर्खास्त व्यक्ति को अधिवेशन बुलाने का अधिकार नहीं हैं। इस बयान के बाद इस बात के पक्के आसार हैं कि प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार को मुलायम सिंह यादव अपने गुट के नेताओं के साथ चुनाव आयोग में अपनी दलील रखेंगे।
 
उल्लेखनीय है कि दोनों ही गुटों ने चुनाव चिन्ह साइकल पर अपना अपना दावा ठोंक दिया है।
 
सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश से फोन पर बात की थी। मुलायम ने प्रस्ताव रखा था कि अखिलेश उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष, शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष माने, इसके साथ ही टिकट को लेकर जो भी बात है वो शिवपाल के साथ बैठकर निपटा लें। अखिलेश ने मुलायम के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
 
क्या सीएम होंगे आजम खान : समाजवादी पार्टी के झगड़े में अब सुलह की मुश्किल लगती है यदि दोनों अलग अलग चुनाव लड़ते हैं तो यह माना जा रहा है कि मुलायम सिंह आजम खान को मुख्‍यमंत्री का उम्मीदवार बनाना के प्रस्ताव रख सकते हैं। हलांकि रविवार शाम को मुलायम सिंह ने कहा, 'मैं ही समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं और शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष हैं।' समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच मीडिया खबर अनुसार मुलायम सिंह यादव अलग चुनाव लड़ने की सूरत में आजम खान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकते हैं।
 
 
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