खतरनाक है इंटरनेट, ISIS सर्च करने में श्रीनगर और मुंबई टॉप पर

Webdunia
मंगलवार, 1 सितम्बर 2015 (09:21 IST)
नई दिल्ली। सरकार या सामाजिक संस्थाएं भले ही मुसलमानों पर खूंखार 'आतंकी' संगठन के प्रभाव को सीमित करके देख रही हो, लेकिन सचाई ये है कि इंटरनेट के युग के चलते युवाओं को बरगलाना और आसान हो चला है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर श्रीनगर और मुंबई के युवा क्यों आईएसआईएस से जुड़ी जानकारी जुटाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। भारतीय लोग क्यों सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानियों से जुड़े हुए हैं? खुफिया एजेंसियों द्वारा किए गए अपने तरह के एक अलग ही सर्वे में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार आईएस के बारे में दिलचस्पी रखने मामले में पाकिस्तान शीर्ष पर है। भारत तो काफी पीछे हैं, लेकिन युवाओं की इस संगठन के प्रति दीवानगी ने सरकार की नींद उड़ा दी है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्षों में ही इंटरनेट पर सांप्रदायिक और भारत विरोधी कंटेन में बढ़ोतरी हुई है।
 
भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा किए गए इस सर्वे में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस में दिलचस्पी लेने वाले शहरों में श्रीनगर और मुम्बई उन टॉप पांच शहरों में शामिल है, जहां के युवा इंटरनेट के जरिए इस संगठन के बारे में जानकारी ले रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया भारतीय शांति के लिए  खतरा बनकर उभरा है।
 
इन शहरों में आईटी शहर बेंगलुरू और हैदराबाद के साथ गुवाहाटी तो शामिल है ही, छोटे शहर भी चिंचवाड़ (पुणे का उपनगरीय इलाका), उन्नाव (कानपुर के पास एक जिला) भी शामिल है। मुम्बई एक मात्र ऐसा महानगर है, जहां के युवा आईएस के बारे में ऑनलाइन दिलचस्पी ले रहे हैं। सर्वे में यह बात भी उभरकर सामने आई कि आईएस का प्रभाव 18 से 30 साल के युवाओं पर सबसे ज्यादा चल रहा है।
 
राजधानी के एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार सूची में श्रीनगर, गुवाहाटी, पुणे का उपनगरीय इलाका चिंचवाड, हावड़ा, मुम्बई क्रमश: एक से पांचवें स्थान पर हैं। छठे स्थान पर कानपुर के पास उन्नाव जिला है, जहां के युवाओं की दिलचस्पी आईएस के बारे में ऑनलाइन सर्च करने में है। सर्वे के परिणामों को बारह राज्यों के मुख्यसचिवों के साथ बैठक में रखा गया है। 
 
यह भी पता चला है कि उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां के सबसे ज्यादा शहरों में आईएस के प्रचार को देखा और सुना जाता है। सबसे चिन्ता इस बात पर जताई गई है कि आईएस के बारे में जानकारी लेने वालों में विभिन्न पृष्ष्ठभूमि से जुड़े युवा हैं। 
 
कुल मिलाकर सोशल मीडिया और मल्टीमीडिया आईएसआई और पाकिस्तानी आतंकवादियों का प्रमुख अड्डा बन गया है, जहां से दुनिया भर के मुसलमानों को आतंक से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस आग को भड़काने में हिन्दू सांप्रदायिकता का भी अहम रोल है। भारत के लिए आने वाले समय में सोशल मीडिया सबसे ज्यादा घातक सिद्ध होगा यह जानकर सरकार की नींद उड़ी हुई है।
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