नई दिल्ली। भारी घाटे में चल रहीं 2 सरकारी कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बंद करने का सुझाव दिया है।
इन दोनों ही कंपनियों को फिर से पटरी पर लाने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस ने इसके लिए 74,000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया था लेकिन वित्तमंत्री ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए इन दोनों ही पीएसयू कंपनियों को बंद करने की अपनी सलाह दी है।
95,000 करोड़ का आएगा खर्च : दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को बंद करने की वित्तमंत्री द्वारा सलाह दी गई है। 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' के अनुसार इन दोनों ही कंपनियों (बीएसएनएल और एमटीएनएल) को बंद करने के एवज में 95,000 करोड़ रुपए सरकार को खर्च करने पड़ सकते हैं। यह व्यय इन दोनों ही कंपनियों के 1.65 लाख कर्मचारियों को रिटायरमेंट देने और कंपनी का कर्ज चुकाने में होगा।
अन्य सरकारी कंपनियों में मिल सकती है नौकरी : कंपनी के बंद होने की स्थिति में आईटीएस अधिकारियों को अन्य सरकारी कंपनियों में नौकरी दी जा सकती है। हालांकि कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवर्ति भी दी जा सकती है।
तीन प्रकार के कर्मचारी हैं कार्यरत : तीन प्रकार के सरकारी कर्मचारी इन दोनों ही कंपनियों में कार्यरत हैं। पहले प्रकार में वे कर्मचारी आते हैं, जो सीधे ही नियुक्त किए गए हैं। दूसरे प्रकार में वे, जो अन्य पीएसयू कंपनियों या विभागों से लिए गए हैं और तीसरे में इंडियन टेलीकम्युनिकेशंस सर्विस के अधिकारी हैं।