महंत रवीन्द्र पुरी का मंदिरों में लड्डू की जगह इलायची दाना और मिश्री प्रसाद बांटने का सुझाव
हिन्दू अपने अपराधबोध से मुक्ति पाने के लिए गंगा जल या गौमूत्र का करें सेवन
Suggestion to distribute cardamom seeds and sugar candy as prasad : तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) मंदिर में प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मंगलवार को देहरादून में कहा कि देशभर के मंदिरों में लड्डू आदि की जगह पारंपरिक रूप से भोग के रूप में चढ़ाए जाने वाले इलायची दाना (cardamom seeds) और मिश्री एवं सूखे मेवे (dry fruits) ही भक्तों में बांटे जाने चाहिए।
इस प्रकार का प्रसाद ही सभी मंदिरों में बांटें : परिषद के अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी ने कहा कि इस प्रकार का प्रसाद ही सभी मंदिरों में बांटा जाना चाहिए, जब तक कि सरकार और मंदिरों का प्रबंधन प्रसाद में मिलाए जाने वाले घी की शुद्धता की गारंटी न ले। उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से इलायची दाना, मिश्री और सूखे मेवे ही हिन्दू देवी-देवताओं को भोग के रूप में चढ़ाए जाते हैं। भक्तों में उन्हें बांटे जाने से प्रसाद में मिलावट की कोई आशंका ही नहीं रहेगी।
'प्रसादम्' में मिलावट पर नाराजगी जाहिर की : आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में 'प्रसादम्' में मिलावट पर नाराजगी जाहिर करते हुए महंत पुरी ने कहा कि इससे पूरी दुनिया में हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने सुझाव दिया कि तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलावटी 'प्रसादम्' को अनजाने में ग्रहण कर चुके हिन्दू अपने अपराधबोध से मुक्ति पाने के लिए गंगा जल या गौमूत्र को ग्रहण कर सकते हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta