सूर्य मेष में उच्च, तुला में नीच का होता है। लाल किताब के अनुसार उच्च और नीच कुछ अलग तरह से तय होते हैं। लेकिन यहां तीसरे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : चौथे भाव का सूर्य यदि कायमी है तो राजयोग योग होगा। जातक नेक, दयालु एवं बुद्धिमान होगा। स्वयं की हानि करके भी दूसरों की मदद करेगा। राजा के समान जीवन यापन करके लोकप्रिय रहेगा। जातक वंश परंपरा से हट कर कार्य करता है। जीवन में सभी प्रकार के सुख पाता है।
लेकिन यदि सूर्य अशुभ है तो भाइयों से कलह होता रहता है एवं मन दुखी रहता है। पिता से विरोध रहेगा। उसी के सामने उसका सब कुछ नष्ट हो जाता है। किसी से भी सहायता नहीं मिलती। शरीर का कोई अंग भंग होगा या पीडि़त होगा। मानसिक क्लेश रहेगा। यदि साथ में चन्द्र पहले में हो तो डरपोक होगा।
पांच सावधानियां
1. लालच, चोरी और भ्रष्टाचार से दूर रहें वर्ना आर्थिक संकट खड़ा होगा।
2. पराई स्त्री से संबंध बनाने पर संतान का सुख नहीं मिलेगा।
3. लोहे और लकड़ी के साथ जुड़ा व्यापार न करें।
4. पिता का अपमान न करें।
5. भाइयों से कलह से बचें।
ये पांच कार्य करें
1. माता-पिता की सेवा करने पर भाग्योदा होगा।
2. जरूरतमंदों और अंधों को भोजन बांटे।
3. सोने का छल्ला बाएं हाथ में धारण करें।
4. बहन और बुआ के बच्चों की सेवा करें।
5. चंद्र का दान करें, जैसे चावल, दूध आदि।