SC ने कहा- देश की महिलाएं अक्सर परिवार के लिए दे देती हैं अपने प्यार की कुर्बानी

Webdunia
सोमवार, 19 जून 2017 (09:50 IST)
नई दिल्ली। भारत के उच्चतम न्यायाल (सुप्रीम कोर्ट) ने एक व्यक्ति की उम्रकैद की सजा को खारिज करते हुए टिप्पणी की। इसमें कोर्ट ने कहा है कि भारत में माता-पिता के फैसले को स्वीकार करने के लिए महिलाओं का अपने रिश्तों का बलिदान करना बहुत ही आम बात है।
 
उल्लेखनीय है कि यह मामला राजस्थान के जयपुर का है। 1995 में एक व्यक्ति ने चोरी-छुपे अपनी प्रेमिका से शादी की थी। इसके तुरंत बाद दोनों ने खुदकुशी कर ली थी। इसमें व्यक्ति तो जिंदा बच गया, लेकिन 23 वर्षीय पत्नी को नहीं बचा पाया। इस घटना के बाद पुलिस ने व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ प्रेमिका की हत्या का मामला दर्ज कर लिया। ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई और इस फैसले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी।
 
कोर्ट ने कहा कि हो सकता है महिला पहले अनिच्छा से अपने माता पिता की इच्छा को मानने के लिए राजी हो गयी हो। पर घटनास्थल पर मिले फूलमाला, चूड़ियां और सिंदूर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाद में उसका मन बदल गया हो। जज के सीकरी और अशोक भूषण की एक बेंच ने कहा, अपने प्यार का बलिदान कर भले ही अनिच्छा से ही अपने माता पिता के फैसले को स्वीकार करने के लिए लड़की की ओर से जिस तरह की प्रतिक्रिया सामने आई, वह इस देश में आम घटना है। 
 
अदालत ने कहा कि पीड़ित और आरोपी एक दूसरे से प्यार करते थे और लड़की के पिता ने अदालत के समक्ष यह गवाही दी थी कि जाति अलग होने के कारण उनके परिवार ने इस शादी के लिए रजामंदी नहीं दी थी।
 
कोर्ट ने कहा कि घटना के वक्त क्या हुआ ये किसी को नहीं पता क्योंकि उस वक्त सिर्फ दे ही लोग थे। उनमें से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा जेल में है। लड़की की हत्या की गई इसका कोई सबूत नहीं है। इसलिए कोर्ट ने कहा कि कल्पना के आधार पर आपराधिक मामलों के फैसले नहीं किए जा सकते। कोर्ट ने उसे रिहा करते हुए कहा कि पर्याप्त संदेह के बावजूद अभियोजन पक्ष उसका दोष सिद्ध करने में सक्षम नहीं रहा है। (एजेंसी)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख