Supreme court big decision on Jallikattu : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में जल्लीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ की कानूनी वैधता बरकरार रखी। शीर्ष अदालत के इस फैसले से तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने राहत की सांस ली है।
जस्टिस केएम जोसफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि जल्लीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ सही है। अदालत ने कहा कि जानवरों की सुरक्षा राज्य सरकार सुरक्षित करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (तमिलनाडु संशोधन) अधिनियम, 2017, जानवरों के दर्द और पीड़ा को काफी हद तक कम करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 दिसंबर 2022 को तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जलीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पूछा था कि क्या जल्लीकट्टू जैसे सांडों को वश में करने वाले खेल में किसी जानवर का इस्तेमाल किया जा सकता है? इस पर सरकार ने कहा था कि जल्लीकट्टू महान ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाला कार्यक्रम है। इस खेल में सांडों पर कोई क्रूरता नहीं होती है।
उल्लेखनीय है कि सांडों को वश में करने वाला यह खेल तमिलनाडु में पोंगल फसल उत्सव अवसर पर खेला जाता है। इसी तरह कर्नाटक में कंबाला और महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ होती है।