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सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से कहा, मतदाता सूची पुनरीक्षण में थोड़ी देर कर दी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , गुरुवार, 10 जुलाई 2025 (13:13 IST)
Bihar Voting list : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के फैसले को लेकर निर्वाचन आयोग से कहा कि आपको पहले ही कदम उठाना चाहिए था, अब थोड़ी देर हो चुकी है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन पूरे देश में होगा। शीर्ष अदालत में मामले पर सुनवाई जारी है। ALSO READ: वोटर लिस्ट मामले में तेजस्वी यादव का बड़ा बयान, भाजपा सेल की तरह काम कर रहा है EC
 
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की आंशिक कार्य दिवस पीठ ने इस मामले में सुनवाई शुरू करते हुए निर्वाचन आयोग से कहा कि यदि आपको बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत नागरिकता की जांच करनी थी तो आपको पहले ही कदम उठाना चाहिए था, अब थोड़ी देर हो चुकी है। इसके साथ ही पीठ ने निर्वाचन आयोग से सवाल किया कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में नागरिकता के मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है, यह गृह मंत्रालय का अधिकार क्षेत्र है।
 
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SER) के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई शुरू की। निर्वाचन आयोग ने न्यायालय से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत भारत में मतदाता बनने के लिए नागरिकता की जांच आवश्यक है।
 
निर्वाचन आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने बताया कि उन्हें याचिकाओं पर आपत्तियां हैं। द्विवेदी के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता के. के. वेणुगोपाल और मनिंदर सिंह भी निर्वाचन आयोग की पैरवी कर रहे हैं।
 
एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि समग्र एसआईआर के तहत लगभग 7.9 करोड़ नागरिक आएंगे और यहां तक कि मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड पर भी विचार नहीं किया जा रहा है। इस मामले की सुनवाई अभी जारी है।
 
मामले पर 10 याचिकाएं : उच्चतम न्यायालय में इस मामले के संबंध में 10 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं जिनमें प्रमुख याचिकाकर्ता गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ है। राजद सांसद मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के अलावा, कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल, शरद पवार नीत राकांपा गुट से सुप्रिया सुले, भाकपा से डी राजा, समाजवादी पार्टी से हरिंदर सिंह मलिक, शिवसेना (यूबीटी) से अरविंद सावंत, झारखंड मुक्ति मोर्चा से सरफराज अहमद और भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य ने संयुक्त रूप से शीर्ष अदालत का रुख किया है। सभी नेताओं ने बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती दी है और इसे रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
edited by : Nrapendra Gupta 

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