उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार का विवाद हमेशा के लिए सुलझाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 2 जनवरी 2025 (20:21 IST)
Lieutenant Governor and Delhi Government dispute : उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवादों को हमेशा के लिए सुलझा लिया जाना चाहिए। सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए बनाई गई एक योजना के लिए धनराशि जारी किए जाने की जानकारी मिलने के बाद न्यायालय ने यह टिप्पणी की। इस योजना के तहत लोगों को सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत सरकार ऐसे पीड़ितों के अस्पताल के बिल का भुगतान भी करती है।
 
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब दिल्ली सरकार ने कहा कि शहर के अस्पतालों में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को नि:शुल्क चिकित्सा उपचार की सुविधा देने वाली उसकी योजना फरिश्ते दिल्ली के की खातिर धनराशि मंजूर कर दी गई है।
ALSO READ: Credit Card को लेकर Supreme Court का अहम फैसला, बकाया पर 30 फीसदी से ज्‍यादा वसूल सकते हैं बैंक
अदालत दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें लंबित बिलों का भुगतान करने, निजी अस्पतालों को भुगतान जारी करके योजना को फिर से चालू करने और जानबूझकर इसे बंद करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया है।
 
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत ने पीठ को दिसंबर 2023 में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए नोटिस के बाद धनराशि जारी करने की जानकारी दी। पीठ ने कहा कि इस घटनाक्रम के मद्देनजर मामला सुलझ गया है और याचिका का निपटारा कर दिया गया।
ALSO READ: क्‍या आयुष्मान भारत में शामिल होगा आयुर्वेद और योग, Supreme Court ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
दिसंबर 2023 में, दिल्ली सरकार द्वारा इस योजना के लिए धनराशि रोकने का आरोप लगाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय और अन्य से जवाब मांगा था। बिलों का भुगतान न किए जाने को योजना को नुकसान पहुंचाने का प्रयास बताते हुए याचिका में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर निष्क्रियता और कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया।
 
इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा संबंधित मंत्री द्वारा निजी अस्पतालों के लंबित बिलों के भुगतान के संबंध में बार-बार याद दिलाने तथा निर्देश देने के बावजूद, दोषी अधिकारियों ने न तो बिलों का भुगतान किया और न ही उन निजी अस्पतालों का समय पर भुगतान किया, जो सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को नकदी रहित इलाज प्रदान करते हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

गायब हो जाएंगे शनि के वलय, 5 ग्रहों का क्रांतिवृत्त और उल्कापात भी दिखेगा

योगी के मंत्री आशीष पटेल को यूपी STF का डर, क्या है खौफ की वजह

मां और 4 बहनों के हत्यारे अरशद का कबूलनामा, क्यों उठाया इतना बड़ा कदम

क्या शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश में लड़ पाएगी चुनाव?

साल के पहले दिन सस्ता हुआ LPG सिलेंडर, जानिए कहां कितने घटे दाम

सभी देखें

नवीनतम

Farmers Protest : जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन का 38वां दिन, कब तक जारी रहेगा किसानों का विरोध, गेंद मोदी सरकार के पाले में

DigiYatra data कितना सुरक्षित, डिजी यात्रा डेटा को कौन करता है मैनेज, क्या Income Tax Department के पास है इसका एक्सेस, सामने आया सच

Facebook पर बनी दोस्त, शादी के लिए पाकिस्तान पहुंचा भारतीय युवक, जानिए फिर क्या हुआ...

RSS की शाखा में गए थे बाबासाहब भीमराव आंबेडकर, संघ के प्रति थी अपनेपन की भावना

आकाश अंबानी का बड़ा ऐलान, जामनगर में AI इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगी Reliance

अगला लेख