नई दिल्ली। महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया। अदालत ने इस मामले में एसआईटी जांच से इनकार कर दिया है।
अदालत ने पांचों वामपंथी विचारक और मानवाधिकार कार्यकर्ता वरवर राव, अरुण परेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की नजरबंदी अगले चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। ये सभी पिछले 29 अगस्त से अपने घरों में नजरबंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने SIT गठित करने की मांग अस्वीकार करते हुए पुणे पुलिस से आगे की जांच जारी रखने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि पांचों एक्टिवस्ट की गिरफ्तारी का केस राहत के लिए ट्रायल कोर्ट में भी भेजा जा सकता है।
इस मामले में जानी-मानी इतिहासकार रोमिला थापर और कुछ अन्य लोगों ने इनकी रिहाई के लिए याचिका दायर की थी। बता दें कि 20 सितंबर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।